गंगा के बाद अब कोसी समेत बिहार की इन सात नदियों को साफ करने की तैयारी, 15 शहरों में लगेंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
गंगा के अलावा राज्य की सात नदियों को स्वच्छ करने की तैयारी चल रही है. इन नदियों के किनारे बसे शहरों से निकलने वाले सीवरेज व ड्रेनेज के गंदे पानी को साफ करने कर वापस नदियों में गिराने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किये जा रहे हैं.
अनिकेत त्रिवेदी, पटना. गंगा के अलावा राज्य की सात नदियों को स्वच्छ करने की तैयारी चल रही है. इन नदियों के किनारे बसे शहरों से निकलने वाले सीवरेज व ड्रेनेज के गंदे पानी को साफ करने कर वापस नदियों में गिराने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किये जा रहे हैं.
गंगा नदी में नमामि गंगे परियोजना के तर्ज पर कोसी, बूढ़ी गंडक, सोन, गंडक, किऊल, बागमती और महानंदा नदी में गिरने वाले गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से साफ किया जाना है.
इसको लेकर नगर विकास व आवास विभाग के निर्देश पर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से योजना की डीपीआर तैयार की जा रही है.
कोसी व बूढ़ी गंडक के प्रोजेक्ट
इस परियोजना के तहत कोसी नदी के जुड़े तीन शहरों सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में एसटीपी व आइएडडी बनाया जाना है. फिलहाल इन शहरों की डीपीआर तैयार कर बीते नवंबर में नीरी को भेजा जा चुका है और एनएमसीजी को स्वीकृति के लिए केंद्र को प्रोजेक्ट भेजा गया है.
बूढ़ी गंडक नदी से जुड़े मुजफ्फरपुर, मोतिहारी व समस्तीपुर के लिए एसटीपी व सीवरेज पाइप लाइन का प्रोजेक्ट है. डीपीआर तैयार होने के साथ जमीन एनओसी की प्रक्रिया चल रही है.
सोन व गंडक नदी के प्रोजेक्ट
सोन नदी से जुड़े डेहरी, अरवल और दाउदनगर में एसटीपी व सीवरेज पाइप लाइन का प्रोजेक्ट बनाया जाना है.
फिलहाल डीपीआर की स्वीकृति के लिए प्रोजेक्ट एनएमसी में भेजा गया है. गंडक नदी से जुड़े गोपालगंज, बगहा शहर के प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति के लिए डीपीआर एनएमसीजी को भेजा गया है.
किऊल और बागमती
किऊल नदी के जुड़े शहर लखीसराय और जमुई, बागमती से जुड़े शहर दरभंगा और महानंदा नदी से जुड़े शहर किशनगंज में भी एसटीपी और सीवरेज पाइप लाइन को बिछाया जाना है.
लखीसराय व जमुई की डीपीआर अभी तैयार नहीं है. दरभंगा की डीपीआर का रिव्यू किया जा रहा है. किशनगंज नीरी की ओर से डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है.
नयी सीवरेज पाइप लाइन बिछेगी
नमामि गंगे प्रोजेक्ट में राज्य के 23 नगर निकायों को रखा गया है. इसी प्रकार इन सात नदियों के किनारे बसे 15 छोटे- बड़े शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ पूरे शहर में नयी सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाना है.
सीवरेज पाइप लाइन से आगे सभी घरों में भी कनेक्शन देने का काम प्रोजेक्ट में रखा गया है. इसमें कई प्रोजेक्टों की डीपीआर तैयार हो चुकी है. इन प्रोजेक्टों पर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियंत्रिकी अनुसंधान संस्थान से स्वीकृति के लिए भी भेजा गया है.
इन शहरों में तैयार होने वाले प्रोजेक्ट से कई लाख लोगों को फायदा मिलेगा और शहरों में भी जलजमाव की समस्या कम होगी.
Posted by Ashish Jha