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गीता के बाद अब सीता की अग्निपरीक्षा, पटना मेयर के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव

डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के चार दिन बाद ही मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला दिया गया है. मंगलवार को 29 वार्ड पार्षदों के हस्ताक्षर से यह अविश्वास प्रस्ताव निगम प्रशासन को मिला, जिसके बाद नगर आयुक्त ने सात अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव की तारीख सुनिश्चित की है.

पटना . डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के चार दिन बाद ही मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला दिया गया है. मंगलवार को 29 वार्ड पार्षदों के हस्ताक्षर से यह अविश्वास प्रस्ताव निगम प्रशासन को मिला, जिसके बाद नगर आयुक्त ने सात अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव की तारीख सुनिश्चित की है.

इस दिन पक्ष-विपक्ष के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और फिर वोटिंग होगी. यह विशेष बैठक दोपहर 3:15 बजे से बांकीपुर अंचल कार्यालय के सभाकक्ष में होगी. इसमें भाग लेने के लिए नगर सचिव ने पार्षदों को मंगलवार को देर शाम चिट्ठी भी भेजी. अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों में अधिकतर मेयर गुट के ही हैं. चर्चा है कि वे प्रस्ताव पर विचार के लिए तय बैठक में उपस्थित नहीं होंगे या फिर मतदान की स्थिति में उसमें भाग नहीं लेंगे और प्रस्ताव को गिरा देंगे.

इससे अगले एक वर्ष तक के लिए मेयर को अविश्वास प्रस्ताव से निजात मिल जायेगी और वे निश्चिंत होकर काम कर पायेंगी. जिन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हस्ताक्षर किया है, उनमें वार्ड 59 की नीलम देवी, 71 की रेणु देवी, 63 के आनंद मोहन कुमार, सात के जयप्रकाश साहनी, 22 ए के दिनेश कुमार, 68 की सुनीता देवी, 62 की तारा देवी, 56 की किसमती देवी, 47 के सतीश कुमार, 42 के कैलाश प्रसाद यादव के पार्षद शामिल हैं.

इसके अलावा 41 की कंचन देवी, 49 की सीमा वर्मा, 51 के विनोद कुमार, 17 की मीरा कुमारी, 18 के रंजन कुमार, 19 की शारदा देवी, 33 की शीला देवी, 46 की पूनम शर्मा, तीन की प्रभा देवी, एक की छठिया देवी, चार की पानपति देवी, 15 की उर्मिला सिंह, 27 की रानी कुमारी, 35 के आरके गुप्ता, 37 के संजीव आनंद, 43 की प्रमिला वर्मा व 57 की स्मिता रानी सहित वार्ड 40 व 45 के पार्षद भी शामिल हैं.

डिप्टी मेयर के चुनाव से पहले ही कुर्सी सुरक्षित कर लेना चाहता मेयर गुट

मेयर गुट डिप्टी मेयर के चुनाव से पहले ही सीता साहू की कुर्सी सुरक्षित कर लेना चाहता है, क्योंकि अपने-अपने पक्ष की दावेदारी के लिए इसमें पार्षदों के कई गुट बन सकते हैं. एक को समर्थन देने पर पार्षदों का दूसरा गुट मेयर के विरोध में भी जा सकता है. इससे मेयर की कुर्सी खतरे में भी पड़ सकती है.

विकास कार्य बाधित रखने का आरोप

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने मेयर सीता साहू पर अपने चार वर्षों से ऊपर के कार्यकाल में किसी प्रकार का विकास नहीं करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मेयर के वार्ड को छोड़कर किसी दूसरे वार्ड में विकास नहीं हुआ. उनके कार्यकाल में सिर्फ आउटसोर्सिंग के कार्यों को ही बढ़ावा दिया गया. पार्षदों ने उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाये.

Posted by Ashish Jha

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