जदयू ने निकाली आभार यात्रा, उपेंद्र कुशवाहा बोले जातीय गणना सीएम का साहसिक फैसला, कमजोर को होगा लाभ
Patna JDU Aabhar yatra News : बिहार में जातीय गणना की मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने पर जदयू ने शनिवार दोपहर आभार यात्रा निकाली. इस मौके पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश ने जातीय गणना कराने का साहसिक-ऐतिहासिक फैसला लिया है.
पटना. बिहार में जातीय गणना की मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने पर जदयू ने शनिवार दोपहर आभार यात्रा निकाली. आभार यात्रा में जदयू के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ ही समता फुले परिषद के सदस्य भी शामिल रहे. आभार यात्रा इनकम टैक्स गोलंबर से कारगिल चौक तक तक गई. इस मौके पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश ने जातीय गणना कराने का साहसिक-ऐतिहासिक फैसला लिया है. उनके फैसले से बड़े सामाजिक बदलाव को सुनिश्चित करने में सरकार को फायदा होगा. इसलिए आज राज्य के सभी मुख्यालयों पर पार्टी के कार्यकर्ता आभार यात्रा निकालकर सीएम को धन्यवाद दे रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा बोले -जातीय गणना से सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय गणना होने से सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को होगा. कमजोर तबका नीतीश कुमार की ओर बहुत उम्मीद से देख रहा है. जदयू नेता निखिल मंडल ने कहा कि जातीय गणना कराने का सीएम नीतीश की सोच यह है कि इससे समाज के सभी तबकों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ पहुंचेगा.उन्होंने कहा कि केंद्र में यह भले नहीं हो सका लेकिन बिहार में छह महीने के अंदर गणना हो जाएगी. यह निश्चित रूप से बड़ी चीज है. आम भावना यही है कि नीतीश कुमार को इसके लिए आभार जताया जाए और इसी के प्रकटीकरण के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए हमलोग आभार यात्रा निकाल रहे हैं.
मंत्री अशोक चौधरी बोले योजना बनाने में जातीय गणना से होगी सहूलियत
आभार यात्रा में मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री लेसी सिंह ,जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद सहित पार्टी के बड़े नेता और हजारों कार्यकर्ता शामिल थे. मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भविष्य में योजनाओं को बनाने के लिए जातीय जनगणना से काफी सहूलियत मिलेगी. दलित, पिछड़े, अगड़े जाति सहित सभी के लिए योजनाओं को बनाने में फायदा मिलेगा. हम इस यात्रा के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार को आभार जता रहे हैं कि वे राजनीतिक सूझबूझ से सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने में सफल रहे.