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किलिमंजारो पर्वत के बाद अब माउंट एवरेस्ट को फतह करेगी सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा, जानें कहां ले रही ट्रेनिंग

मंगलवार को लक्ष्मी ने पूर्व सांसद से मुलाकात की. लक्ष्मी से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि बिहार को और ख़ास कर मुझे गर्व होगा कि सरकार के बिना सहयोग से एक बेटी नया कीर्तिमान रचेगी.

पटना. सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा अब माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहरायेंगी. प्रसिद्ध उद्योगपति और पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने लक्ष्मी को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है. मंगलवार को लक्ष्मी ने पूर्व सांसद से मुलाकात की. लक्ष्मी से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि बिहार को और ख़ास कर मुझे गर्व होगा कि सरकार के बिना सहयोग से एक बेटी नया कीर्तिमान रचेगी.

कुछ साल पहले मिलने आयी थी लक्ष्मी

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा कुछ साल पहले मेरे पास आई और पर्वतारोहण की इच्छा जताई. मैंने हरसंभव मदद की, तब उसके अंदर के टैलेंट ने काम करना शुरू किया और एक के बाद एक अभियान में आज वो सफलता प्राप्त कर रही हैं. आरके सिन्हा ने कहा कि पिछले दिनों तुर्की की सबसे ऊंची चोटी (16854 फुट) अरारत पर्वत पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन करने का काम किया है. उसके पहले अफ्रीका की सबसे ऊंची किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा लहराया है.

बिहार का नाम दुनिया भर में और रोशन होगा

आरके सिन्हा ने कहा कि एवरेस्ट की 8,850 फुट की चढ़ाई करना कोई साधारण काम नहीं है. इसके लिए लक्ष्मी की ट्रेनिंग सेशन नेहरु इंस्टीट्यूट उत्तर काशी में अभी भी चल रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि लक्ष्मी एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर दुनिया में बिहार का नाम रौशन करेंगी. आरके सिन्हा ने कहा कि बिहार में ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्हें अभिभावक जैसा प्यार मिले आगे बढ़ने का अवसर मिले, तो बिहार का नाम दुनिया भर में और रोशन होगा. बिहार का अपना खोया हुआ गौरव ये युवा ही दिला सकते हैं माध्यम तो बनना पड़ेगा न तो बिहार सरकार के भरोसे न जाने कितनी प्रतिभाओं को खिलने का अवसर नहीं मिला पाया.

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कई देशों में जाने का अवसर दिलाया

इस मौके पर पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने कहा कि मैं आज जिस मुकाम पर पहुंची हूं उसका सारा श्रेय मेरे अभिभावक और मोटिवेशनल गुरु आरके सिन्हा को जाता है. इन्होंने मुझे अफ्रीका, तुर्की समेत कई देशों में जाने का अवसर दिलाया. मुझे किसी चीज कि कभी कमी नहीं होने दी और पूरे लगन से मैंने मेहनत की और सफलता हासिल की. अपने पिता के सामने मैं जो नहीं बोल पाई उसे आरके सिन्हा ने अभिभावक की तरह सुना और बड़ा सहयोग और प्यार दिया. कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. इसके लिए फिजिकल, मेंटल फिटनेस समेत कई ट्रेनिंग लगातार कर रही हूं. पिछले दिनों मैंने ब्लैक पिक माउन्टेन 6,3 87 फुट के सबमिट को पूरा कर किया और अब मार्च से मई के बीच मेरा गोल एवरेस्ट है. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं बिहार और आरके सिन्हा सर का नाम दुनिया में रोशन करूंगी.

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