राबड़ी देवी के बाद अब RJD विधायक ने की मिथिलांचल की मांग, बोले- वो हमारी राजमाता, उनका हर फैसला…
Bihar: राबड़ी देवी के मिथिला राज्य की मांग पर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक तरह जहां आरजेडी के विधायकों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सुर में सुर मिलाया तो वहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों ने उन पर जोरदार हमला बोला है.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता राबड़ी देवी ने विधानसभा सत्र के दौरान मिथिला राज्य की मांग करके सूबे की सियासत को गरमा दिया है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बुधवार को कहा कि मिथिला को अलग राज्य के रूप में होना चाहिए. वहीं, उनके इस पर बिहार के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक तरह जहां आरजेडी के विधायकों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सुर में सुर मिलाया तो वहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों ने उन पर जोरदार हमला बोला.
राबड़ी देवी हमारी राजमाता: फतेह बहादुर
बता दें कि पिछले दिनों मैथिली भाषा में संविधान की प्रति का विमोचन किया गया. इस मौके पर राबड़ी देवी ने मिथिलावासियों को मिथिला राज्य देने की बात कह डाली. इस पर राजद विधायक फतेह बहादुर ने गुरुवार को कहा, “राबड़ी देवी हमारी पार्टी की राजमाता हैं. उनका हर निर्णय हम लोगों के लिए सर्वोपरि है. उनका जो भी फैसला है, हम लोग उनके साथ हैं.” वहीं, भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा, “मिथिल राज्य या बिहार राज्य वोट से बनता है. मिथिला बिहार के साथ समृद्ध है. अगर राज्य बनाने की बात होगी, तो देखा जाएगा.”
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राबड़ी देवी ने सही कहा है: कांग्रेस
महागठबंधन में आरजेडी की साथी कांग्रेस भी इस मुद्दे पर राबड़ी देवी के साथ खड़ी नजर आई कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा, “मिथिला बहुत अच्छी और मीठी भाषा है. वहां के लोग भी बहुत अच्छे हैं. वहां का खान पान भी बहुत अच्छा है. अब राबड़ी देवी ने मिथिला राज्य की मांग उठाई है, तो सही ही कहा है.”
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भाकपा और AIMIM ने अपनाया अलग रूख
वहीं, भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा, “अब मिथिला अगल राज्य होगा , तो सीमांचल अलग राज्य क्यों नहीं होगा, भोजपुर फिर अलग राज्य क्यों नहीं होगा” AIMIM के नेता अख्तरुल ईमान शाहीन ने कहा, “राबड़ी देवी को मिथिला याद आ गया, लेकिन सीमांचल याद नहीं आया. सीमांचल में जाकर उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनेगी, तो हम सीमांचल डेवलपमेंट काउंसिल बनाएंगे. बिहार का सबसे गरीब हिस्सा अगर कोई है, तो वो सीमांचल है. लेकिन, सीमांचल पर ध्यान नहीं दिया गया. बिहार को खंडित नहीं किया जाना चाहिए. बिहार को एक रहना चाहिए. बिहार को अलग करना उचित नहीं रहेगा. लेकिन, बिहार के जो कमजोर हिस्से हैं, वहां विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए.”