पटना. बिहार में कॉमन सिविल कोड का मुद्दा धीरे-धीरे सही लेकिन सियासी बहसों में आ गया हैं. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब नीतीश के बेहद करीबी कहे जानेवाले शिक्षामंत्री विजय चौधरी ने भी इस बहस को आगे बढ़ा दिया है. कॉमन सिविल कोड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल में दिये बयान पर विजय चौधरी ने कहा कि जदयू इस मुद्दे पर नजर बनाये हुए. सरकार को कानून का मसौदा सामने लाने दीजिए, बिल देखने के बाद जदयू इसपर स्टेंड लेगा.
अमित शाह ने भोपाल में कहा था कि देश में कॉमन सिविल कोड लागू करने की जरूरत है. कहा जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में सरकार इससे जुड़ा कानून पेश कर सकती है. ऐसे में जदयू की ओर से प्रतिक्रिया स्वभाविक है, क्योंकि रामजन्म भूमि, धारा 370 और कॉमन सिविल कोड यही तीन ऐसे मुद्दे रहे हैं, जिसे किनारा कर के एनडीए का गठन हुआ था. जदयू आज एनडीए का सबसे पुराना साथी है. इन तीन में से दो पर भाजपा ने काम पूरा कर लिया है. तीसरे मुद्दे पर अब भाजपा निर्णायक स्थिति में आ चुकी है.
कॉमन सिविल कोड पर अमित शाह के बयान के बाद जदयू में हलचल है. कॉमन सिविल कोड एक ऐसा मसला है जिस पर जदयू की राय भाजपा से अब तक अलग रही है. इस मसले को लेकर पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही बयान दे दिया है कि बिहार में कॉमन सिविल कोड की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार के रहते यह संभव नहीं है.
अब जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कॉमन सिविल कोर्ट को लेकर अपनी राय जाहिर की है. हालांकि वह इस मसले पर फिलहाल कुछ बोलना नहीं चाहते, लेकिन सवाल पूछे जाने पर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ तौर पर कहा है कि जब कॉमन सिविल कोड लाया जाएगा, तो जदयू अपना रुख साफ करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू भाजपा के सामने ऐसे मसलों पर बोलने से डरती है, तो विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सीबीएससी की तरफ से पाठ्यक्रम में किये गये बदलाव पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा है कि देश के इतिहास को पाठ्यक्रम से बदला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि हम इससे इत्तेफाक नहीं रखते, मैंने अपनी बात सीबीएससी तक पहुंचा दी है. सीबीएससी की तरफ से पाठ्यक्रम में मुगलकालीन इतिहास को हटाए जाने की खबर सामने आयी थी जिस पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सख्त ऐतराज जताया था.