बिहार के लखीसराय जिले में विगत चार अगस्त को तेलंगाना के स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो की सूचना के आधार पर शहर के कवैया थाना क्षेत्र में तीन वर्षों से किराये का मकान लेकर रह रहे नक्सली मनश्याम दास की गिरफ्तारी ने लखीसराय में भी अर्बन नक्सल के जड़ मजबूत होने की बात को पुख्ता किया है. इसके बाद पुलिस उसके नेटवर्क की तलाश में जुट गयी है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार नक्सली मनश्याम दास उर्फ राहुल उर्फ सुरेश का शीर्ष नक्सली कमांडरों से सीधा संपर्क था. वह शीर्ष नक्सली प्रवेश दा, प्रमोद मिश्रा, विवेक दा आदि से कई बार मिल भी चुका है.
वहीं वह शहर में रहकर नक्सलियों को पुलिस की गतिविधियों आदि की भी जानकारी दिया करता था. इसके साथ ही वह युवाओं को नक्सल के संबंध में मोटिवेट भी किया करता था. उसकी गिरफ्तारी से अब शहर में चेहरे पर चेहरा लगाये अर्बन नक्सल से जुड़े लोगों को पुलिस के द्वारा चिह्नित किया जा रहा है. वहीं मनश्याम दास के नेटवर्क को भी पूरी गंभीरता से तलाश जा रहा है.
जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चेहरे पर चेहरा लगाये अर्बन नक्सल से जुड़े कई लोगों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ पहुंच सकते हैं. इधर, मनश्याम दास की गिरफ्तारी के बाद पुलिस खुद ही आश्चर्य चकित है कि विगत तीन वर्षों से शहर में रहकर नक्सली गतिविधियों को अंजाम देना किसी पहुंचे हुए व्यक्ति के वरदहस्त के बिना संभव नहीं लगता है. उसकी भी पुलिस तलाश में जुट गयी है कि आखिर वह तीन वर्षों से शहर में किस तरह रह रहा था और उसके किस किस से संबंध थे.
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जिले में नक्सल ऑपरेशन को लेकर तैनात एएसपी अभियान मोती लाल ने बताया कि मनश्याम दास से जुड़े नेटवर्क की तलाश की जा रही है. उससे पूछताछ के बाद कई चेहरों को चिह्नित किया जा रहा है. जल्द ही कुछ लोगों के गिरेबां तक पुलिस के हाथ पहुंच सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मनश्याम दास की गिरफ्तारी के बाद जिले में अर्बन नक्सल गतिविधि से जुड़े लोगों के नेटवर्क की भी तलाश की जा रही है.