पटना की सड़कों पर नजर नहीं आयेंगी 130 पीली सिटी राइड बसें, जानिये क्या है कारण
परमिट रिन्युअल नहीं होने से अगले दो वर्षों में पटना की सड़कों से 130 पीली सिटीराइड बसें बाहर हो जायेंगी. पटना शहर में इन दिनों 160 प्राइवेट सिटी राइड बसें चलती हैं. इनमें 130 बसें 2006 से 2008 के बीच डीटीओ में रजिस्टर्ड की हुई हैं.
पटना. परमिट रिन्युअल नहीं होने से अगले दो वर्षों में पटना की सड़कों से 130 पीली सिटीराइड बसें बाहर हो जायेंगी. पटना शहर में इन दिनों 160 प्राइवेट सिटी राइड बसें चलती हैं. इनमें 130 बसें 2006 से 2008 के बीच डीटीओ में रजिस्टर्ड की हुई हैं. चूंकि राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार 15 वर्ष से अधिक पुरानी सिटी बसों का परमिट रिन्युअल नहीं होना है. लिहाजा अगले दो वर्षों के दौरान जैसे जैसे इन बसों का परमिट लैप्स होते जायेगा, रिन्युअल नहीं होने की वजह से ये राजधानी की सड़कों से बाहर होती जायेंगी और केवल 30 बसें यहां सेवा देती नजर आयेगी जो 2009 से 2017 तक में पंजीकृत हैं.
बढ़ जायेगी आम लोगों की परेशानी
बैठने में असुविधाजनक होने के बावजूद पीली सिटी राइड बसों का किराया ऑटो की तुलना में बेहद कम है. साथ ही यह राजधानी के प्रमुख रूटों के साथ-साथ कई ऐसे लिंक रूटों में भी चलती हैं जहां बीएसआरटीसी के बसें नहीं जाती हैं और ऑटो भी कम ही चलती हैं. लिहाजा आने-जाने का सबसे सस्ता साधन होने के कारण आम लोग इसे सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं. इनके बंद होने से उनका यात्रा खर्च बढ़ जायेगा.
जर्जर और अधिक धुआं छोड़ने के कारण सरकार चाहती है हटाना
15 वर्ष के आसपास हो चुकी कई बसें जर्जर हो चुकी हैं. साथ ही फिटनेस में कमी के कारण ये निर्धारित मानक से अधिक धुआं भी छोड़ते हैं, जिससे शहर के पर्यावरण पर खराब प्रभाव पड़ता है. इसी को देखते हुए सरकार ने इनके परमिट रिन्युअल नहीं करने का निर्णय लिया है. लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था जब तक मजबूती से नहीं की जाती, तब तक लोगों को परेशानी से बचाना मुश्किल होगा.
होने वाली असुविधा पर भी विचार होना चाहिए
मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा परमिट रिन्युअल नहीं होने के कारण 2023 के बाद पटना में केवल 30 प्राइवेट सिटी बसें बच जायेंगी और बाकी सबका परमिट लैप्स हो जायेगा. सरकार को इससे लोगों को होने वाली असुविधा पर भी विचार करना चाहिए.
Posted by Ashish Jha