पटना. बिहार में 10 आरओबी बनाने की मंजूरी 2019 में मिलने, इसे लेकर रेलवे और पथ निर्माण विभाग के साथ करार होने के बावजूद अब तक आरओबी का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. पथ निर्माण विभाग ने इन सभी एसएच पर स्थित लेवल क्रॉसिंग के बदले 10 आरओबी को बनाने की जिम्मेदारी बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) को दी थी.
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01. दरभंगा-लहेरियासराय स्टेशन के बीच दरभंगा-बिरौल-कुशेश्वरस्थान सड़क पर दोनार चौक
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02. डुमरांव-बरूना स्टेशनों के बीच डुमरांव-विक्रमगंज सड़क
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03. वारसलीगंज-नवादा स्टेशनों के बीच हिसुआ-नवादा-पकरी बरांवा सड़क
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04. मुक्तापुर-किशनपुर स्टेशनों के बीच दरभंगा-समस्तीपुर सड़क
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05. मोहम्मदपुर-कमतौल स्टेशनाें के बीच दरभंगा-कमतौल-बसैठा-मधवापुर सड़क
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06. मशरख-श्याम कौड़िया स्टेशन के बीच एसबीएमटीएम सोन्हाे-परसा-शीतलपुर सड़क
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07. सीवान यार्ड स्टेशन के पास सिवान-सिसवन सड़क (एसएच-89)
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08. सुधानी-बारसोई स्टेशन के बीच कटिहार-सोनैली-झौआ-बलरामपुर सड़क (एसएच-98)
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09. बारसोई-मुकुरिया स्टेशन के बीच कटिहार-बलरामपुर सड़क (एसएच-98)
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10. कटिहार-दलन स्टेशन के बीच कटिहार-छींटाबाड़ी-सोनैली-झौआ-बलरामपुर सड़क (एसएच-98)
इन सभी आरओबी की बनाने की अनुमानित लागत 635 करोड़ रुपये है. इसमें से आधा खर्च रेलवे और आधा खर्च राज्य सरकार को वहन करना है. इन 10 आरओबी में से सात की डीपीआर बन चुकी है और डीपीआर पथ निर्माण विभाग से स्वीकृति की प्रक्रिया में है. वहीं, तीन आरओबी बनाने की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन लागत की हिस्सेदारी के बारे में रेलवे को राज्य सरकार की तरफ से पत्र भेजा गया है. वहां से मंजूरी नहीं मिली है.
इन सभी आरओबी का निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर गाड़ियों का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करना है. फिलहाल ट्रेनों की आवाजाही के दौरान लेवल क्रॉसिंग पर गाड़ियों को लंबा इंतजार करना पड़ता था. ऐसे में सड़कों पर जाम लग जाता था. राज्य की 10 मुख्य सड़कों पर आरओबी बन जाने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशों के अनुरूप पांच घंटे में राज्य के किसी भी हिस्से से पटना पहुंचा जा सकता.