बिहार की बिजली आपूर्ति कंपनियों ने 2024-25 के लिए नई बिजली दर (टैरिफ) की मांग करते हुए बिहार विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर की है. कंपनियों की ओर से दायर टैरिफ याचिका में कृषि उपभोक्ताओं के लिए फसल कटाई के मौसम के हिसाब से बिलिंग ढांचा तैयार करने का भी प्रस्ताव दिया गया है. इसके तहत किसानों को मासिक नहीं बल्कि साल में चार बार मार्च, मई, अगस्त और दिसंबर महीने में बिजली बिल दिया जाएगा. इसके साथ ही घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे प्रतिष्ठानों में बिजली की खपत को घरेलू श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया गया है.
अधिक इस्तेमाल पर खुद ब खुद बढ़ जायेगा लोड
याचिका के अनुसार, यदि किसी उपभोक्ता की बिजली की मांग लगातार तीन महीनों तक उसकी वास्तविक अनुबंधित मांग (निश्चित भार) से 105 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो उसका बिजली भार खुद ब खुद पिछले तीन महीनों की औसत मांग के अनुसार बढ़ जाएगा. वहीं सरकारी संस्थानों से बिलिंग राशि समय पर प्राप्त करने के लिए बिल जारी होने के 30 दिन के अंदर भुगतान करने पर सरकारी संस्थानों को डेढ़ प्रतिशत छूट का लाभ दिए जाने का भी प्रस्ताव किया गया है.
आयोग में दायर टैरिफ याचिका के मुख्य प्रस्ताव
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गैर घरेलू और आइएएस- वन श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए केवीएच आधारित बिलिंग की जाए.
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हाइटेंशन श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए लोड फैक्टर छूट समाप्त कर दी जाएगी, केवल 30 प्रतिशत से अधिक लोड फैक्टर वाले एचटी औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक खपत पर ऊर्जा शुल्क में मासिक छूट दी जाएगी.
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220/132 केवी और 400 केवी पर बिजली कनेक्शन देने को हाइटेंशन उपभोक्ताओं के लिए दो नई टैरिफ श्रेणी बनायी जाएगी.
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सभी एचटी उपभोक्ताओं के लिए संशोधित टीओडी (टाइम ऑन डे) टैरिफ की भी मांग है. इसमें रात 11 बजे से सुबह 9 बजे तक सामान्य बिजली दर ली जाएगी, जबकि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली खपत पर सामान्य दर का 80 प्रतिशत चार्ज किया जाएगा, वहीं शाम 5 बजे से रात के 11 बजे तक बिजली खपत पर सामान्य दर का 120 प्रतिशत चार्ज किया जाएगा.
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हाईटेंशन उपभोक्ताओं को ऑनलाइन भुगतान पर दी जाने वाली छूट अधिकतम 20 हजार रुपये अथवा एक प्रतिशत तक सीमित होगी. वहीं, आम उपभोक्ताओं को दी जाने वाली एक प्रतिशत की छूट जारी रहेगी.
40 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो सकती है बिजली
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने अगर बिजली कंपनियों की बात मान ली तो एक अप्रैल 2024 से राज्य की बिजली दर 33 से 40 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो सकती है. आयोग ने दर में बढ़ोतरी को लेकर आम लोगों और कारोबारियों से 15 जनवरी तक आपत्ति और सुझाव मांगे हैं. ये आपत्तियां और सुझाव नियामक आयोग के सचिव को पंजीकृत डाक से या प्रमाण के साथ व्यक्तिगत रूप से भेजे जा सकते हैं.
जनसुनवाई के बाद होगी नए टैरिफ की घोषणा
सुझाव व आपत्ति मिलने के बाद आयोग 19 जनवरी से दो फरवरी तक पटना सहित सूबे के पांच शहरों में जनसुनवाई करेगा. इस जनसुनवाई के बाद विनियामक आयोग एक अप्रैल से पहले 2024-25 के लिए नए टैरिफ दर की घोषणा कर देगा.
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