बिहार में बचे हैं महज 1.42 करोड़ खेतिहर मजदूर, खेतों में काम करनेवालों की संख्या शेखपुरा में सबसे कम
बिहार में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की संख्या दो करोड़ 88 लाख से अधिक है. इसमें से एक करोड़ 42 लाख से अधिक कामगार खेती से जुड़े हुए हैं. इसके बाद 42 लाख 49 हजार मजदूर घरेलू क्षेत्र में कार्य करने वाले हैं.
पटना. राज्य भर में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की संख्या दो करोड़ 88 लाख से अधिक है. इसमें से एक करोड़ 42 लाख से अधिक कामगार खेती से जुड़े हुए हैं. इसके बाद 42 लाख 49 हजार मजदूर घरेलू क्षेत्र में कार्य करने वाले हैं. निर्माण क्षेत्र में 28 लाख 40 हजार, कपड़ा उद्योग में 16 लाख 92 हजार तो विविध क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों की संख्या 10 लाख 48 हजार से अधिक है. केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर हुए निबंधन से यह बात निकलकर आयी है. कामगारों के निबंधन के मामले में बिहार देश में दूसरे पायदान पर है.
निबंधन कराने वाले सबसे अधिक 18 से 40 वर्ष वाले कामगार
निबंधन कराने वाले कामगारों में सबसे अधिक 18 से 40 वर्ष वाले कामगार हैं. इस उम्र के कामगारों की संख्या 65.22 फीसदी है। वहीं 40 से 50 साल के बीच वाले कामगारों की संख्या 20.51 फीसदी है, जबकि 50 साल से अधिक उम्र वाले कामगारों की संख्या 12.17 फीसदी है.कामगारों में पुरूष से अधिक महिलाओं की संख्या है. राज्य में कुल एक करोड़ 71 लाख से अधिक महिला कामगार हैं जो 56.16 फीसदी है. जबकि पुरूष कामगारों की संख्या 43.84 फीसदी है.
एक नजर में
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– 20467141 ने कराया है वसुधा केंद्र से निबंधन
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– 8336302 ने पोर्टल पर खुद से कराया है निबंधन
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– 1301 लोगों ने उमंग एप से निबंधन कराया है.
पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक खेतिहर मजदूर
राज्य में सबसे अधिक कामगार पूर्वी चंपारण में हैं. जिले में 13 लाख 77 हजार से अधिक कामगारों ने निबंधन कराया है. दूसरे पायदान पर रहे मुजफ्फरपुर में 12 लाख 87 हजार तो समस्तीपुर में 12 लाख 34 हजार कामगार हैं. चौथे पायदान पर रहे मधुबनी में 12 लाख नौ हजार तो पटना में 11 लाख 67 हजार कामगार हैं. गया में 11 लाख 60 हजार, पश्चिमी चम्पारण में 11 लाख 47 हजार, बेगूसराय में 10 लाख 94 हजार, सारण में 10 लाख 88 हजार तो पूर्णिया में नौ लाख 93 हजार कामगार हैं. सबसे कम शेखपुरा में एक लाख 56 हजार तो शिवहर में एक लाख 67 हजार कामगार हैं.