बिहार के मंडियों में बिक रहा दो रुपये किलो टमाटर, लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान, खेतों में छोड़ी फसल
Agriculture: मंडी में टमाटर की कीमत नहीं होने से खेत में ही पके टमाटर को किसान छोड़ दे रहे हैं. इसके साथ ही फूलगोभी की भी यही दशा है. मंडी में महज चार से पांच रुपये किलो का भाव लग रहा है.
कैमूर. भले ही किसान हाड़तोड़ मेहनत कर सब्जी की खेती कर रहे हैं. लेकिन लागत के अनुरूप पैसा नहीं निकल रहा है. इसमें सबसे खराब स्थिति टमाटर व गोभी की है. यहां मार्केट के मंडी में टमाटर का भाव केवल दो से तीन रुपये किलो, तो गोभी का भाव पांच से छह रुपये किलो है, जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं. गौरतलब है कि मोहनिया प्रखंड के साथ सीमावर्ती गांव बगीचा सहित अन्य गांव में किसान मालगुजारी पर खेत लेकर कई बीघा में टमाटर की खेती किये हैं. हां टमाटर पूरी तरह से तैयार होकर पक भी गया है. लेकिन मंडी में टमाटर की कीमत नहीं होने से खेत में ही पके टमाटर को किसान छोड़ दे रहे हैं. इसके साथ ही फूलगोभी की भी यही दशा है. मंडी में महज चार से पांच रुपये किलो का भाव लग रहा है.
सड़क किनारे दुकान लगाकर बेचने को मजबूर किसान
किसानों को खेतों में सब्जी लगाने की लागत भी नहीं निकल रही है. ऐसे में सब्जी की खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं. टमाटर व फूलगोभी की मंडी में भाव नहीं होने के कारण अपने खेत का सब्जी तोड़ मुठानी के पास सड़कों के किनारे ही दुकान लगा कर बेचने को मजबूर हैं, जहां हमेशा दुर्घटना का आशंका बनी रहती है. फिर भी सड़क के किनारे टमाटर व अन्य सब्जी की दुकान लगाये हैं. ताकि कुछ लागत वसूल हो सके. किसानों का कहना हैं कि मंडी में दो से तीन रुपये किलो का भाव लगता है, लेकिन यहां दुकान के भाव में बिक जाता है, जिससे कुछ लागत निकल जा रहा है.
Also Read: मां बनने की खबर मिलते ही बिखर गया भोजपुरी क्वीन आम्रपाली दुबे का पूरा परिवार, जानें वायरल वीडियो की कहानी
किसान खेतों में ही छोड़ने को विवश
किसान हमेशा परेशान रहता है, चाहे वह गेहूं की खेती हो या धान की, कभी खाद के लिए, तो कभी अनाज की बिक्री के लिए. लेकिन, अब सब्जी की खेती करने वाले किसान भी परेशान हैं, जो मालगुजारी पर खेत लेकर भले ही अच्छे मुनाफे के लिए टमाटर सहित अन्य सब्जी की खेती पर काफी पसीना बहाये हों, लेकिन जब तैयार हुआ तो मार्केट में भाव ही नहीं रहा, जिसके कारण क्विंटल भर पके टमाटर को खेत में ही छोड़ दिये, ताकि जब भाव आयेगा, तो देखा जायेगा. जबकि, कई किलो टमाटर पक कर खराब हो रहे हैं.