मनोज कुमार, पटना. बिहार में कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (एआरडीबी) खुलेगा .इस बैंक से किसानों को मध्यम और लॉन्ग टर्म का ऋण मिलेगा. सहकारिता विभाग की ओर से इस बैंक का संचालन किया जायेगा. अभी सहकारी बैंकों की ओर से किसानों को केसीसी ऋण ही उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बैंक के खुल जाने से किसानों को मध्यम और दीर्घकालिक ऋण भी मिलेगा.
पूरे देश में इस बैंक की हैं 1851 शाखाएं
कृषि व ग्रामीण विकास बैंक अभी देश के 13 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में ही स्थापित है. पूरे देश में इस बैंक की 1851 शाखाएं हैं. इससे एक करोड़ 20 लाख किसान जुड़े हैं. केंद्रीय सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसका प्रस्ताव राज्य को भेज दिया गया है. राज्य की ओर से बैंक खोलने के लिए जिले का नाम और संसाधन केंद्रीय सहकारिता विभाग को भेजा जायेगा. इस पर केंद्रीय सहकारिता विभाग की स्वीकृति के बाद बैंक खोले जायेंगे.
आधुनिक खेती के लिए मिलेगी पूंजी
किसान मॉडर्न खेती की ओर रुख करें, इस उद्देश्य के लिए इस बैंक की स्थापना होगी. वर्तमान में शॉर्ट टर्म के लिए केसीसी के माध्यम से मिले ऋण से किसान पारंपरिक खेती ही कर पाते हैं. जलवायु परिवर्तन के दौर में आधुनिक खेती नहीं करने के कारण उत्पादकता प्रभावित हो रही है. फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक खेती की ओर किसानों को रुख करने के लिए किसानों को इस बैंक के माध्यम से पूंजी उपलब्ध करायी जायेगी.
नाबार्ड के लिंक से जोड़े जायेंगे बैंक
कृषि व ग्रामीण विकास बैंक और राज्य सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों को नाबार्ड राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर से जोड़ा जायेगा. इससे सभी प्रकार के कृषि ऋणों की लिंकेज उपलब्ध हो जायेगी. इसके माध्यम से किसानों को सभी प्रकार के ऋण की जानकारी उपलब्ध हो जायेगी. कहा जा रहा है कि बिहार के छोटे और मध्यम किसानों को बैंक कर्ज मिलने में काफी दिक्कत होती है, ऐसे में छोटे और सीमांत किसानों को सहकारिता बैंक से बड़ी पूंजी मिल सकती है.