कृषि विभाग ने शीत लहर को लेकर बिहार के किसानों को किया अलर्ट, आलू-सरसों-अरहर में लाही से लगेगी चपत
Bhagalpur news: बिहार में ठंड बढ़ने और कोहरे की दस्तक के साथ ही कृषि विभाग ने सरसों, अरहर व आलू लगाने वाले किसानों को सावधान किया है. लाही लगने से रोकने के लिए फूल वाले पौधे सरसों व अरहर के वैसे पौधे, जिनमें फूल आ चुके हों पर दवा का छिड़काव की जरूरत है.
भागलपुर: ठंड बढ़ने और कोहरे की दस्तक के साथ ही कृषि विभाग ने सरसों, अरहर व आलू लगाने वाले किसानों को सावधान किया है. लाही लगने से रोकने के लिए फूल वाले पौधे सरसों व अरहर के वैसे पौधे, जिनमें फूल आ चुके हों पर दवा का छिड़काव की जरूरत है. पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि दवा के छिड़काव से फसल सुरक्षित रहेगी.
अलग-अलग फसल के लिए उपचार
पौधा संरक्षण विभाग के केंद्र प्रभारी रजत कुमार साह ने बताया कि क्लोरोपाइरीफोस और डाइथन एम 45 दोनों को मिला कर मात्रा अनुसार छिड़काव किसानों को फूल वाले सरसों और अरहर के पौधों पर करना चाहिए. इससे लाही और फूल मरने की शिकायत दूर होगी. इस मौसम में आलू के पौधे में झुलसा रोग लग सकता है.
डाइथन-एम 45 का छिड़काव करें
इसे रोकने के लिए पटवन कर डाइथन एम 45 का छिड़काव कर सकते हैं. सिंचाई करने से तापमान सामान्य हो जाता है. पौधा संरक्षण निरीक्षक निवास कुमार ने बताया कि आलू में गलसा की बीमारी लग जाने से मेंकोजेब का छिड़काव करना चाहिए. पाला से बचने के लिए बीज उपचार करना जरूरी है.
चना को कार्बेनडाजीम से उपचार करें
जैसे चना को कार्बेनडाजीम से उपचार करना चाहिए. सरसों के बीज का भी उपचार करना जरूरी है. सरसों के बीज का उपचार बायो जैविक से भी करते हैं. आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए मेंकोजेब, 75 प्रतिशत डब्ल्यू.पी मिलाकर एक लीटर पानी में दो ग्राम देना है. सरसों व अन्य दलहनी फसल पर लाही से हानि की आशंका रहती है. गेहूं पर भी इसका असर पड़ता है. इसके लिए क्लोरोपायरीफॉस, 20 प्रतिशत ईसी, ढाई एमएल पर प्रति लीटर पानी देना है.
कहते हैं किसान
जगदीशपुर के किसान राजशेखर ने बताया कि अरहर की बाली सिकुड़ जाती है. इससे उसका दाना छोटा हो जाता है. इससे बचने के लिए बाइजिस्टिन और इंटालेक्स दवा स्प्रे करते हैं. सहजन के फूल गिर जाते हैं. इससे उसमें फल्ली कम होते हैं. इसमें दवा स्प्रे करते हैं. इससे फूल्ली मजबूत होता है.