सीवान. पराली जलाने के आरोप में कृषि विभाग ने 13 किसानों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. अब इन किसानों को तीन वर्षों तक कृषि आधारित लाभुक योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा. साथ ही इनमें से एक पंजीकृत किसान को ब्लॉक भी कर दिया गया है.
बताते चलें कि सरकार ने बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए किसानों को पराली जलाने से मना किया था. बावजूद इससे किसान बाज नहीं आ रहे थे और चोरी- छुपे पराली जला रहे थे. इससे निबटने के लिए सरकार ने सैटेलाइट से मॉनीटरिंग करने का फैसला किया.
इसके तहत रिमोट सेंसिंग प्रणाली से पराली जलाने वाले किसानों की माॅनीटरिंग की गयी. इसके तहत पराली जला रहे स्थानों का अक्षांश और देशांतर रेखांकित कर स्थानीय जिला कृषि विभाग को भेजा गया.
इसके बाद किसानों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी व कृषि समन्वयक को सौंपी गयी.
बताया जाता है कि स्टेट द्वारा उपलब्ध कराये गये अक्षांश और देशांतर के आधार पर इन किसानों को चिह्नित किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि पराली जलाने के आरोप में जिन किसानों को चिह्नित किया है.
उसमें जीरादेई प्रखंड के तीन, रघुनाथपुर प्रखंड के चार, आंदर प्रखंड के दो, दरौली प्रखंड के दो तथा सीवान प्रखंड के एक किसान शामिल हैं. उन्होंने बताया कि आगामी तीन वर्षों के लिए इन किसानों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है.
साथ ही सदर प्रखंड के किसान को ब्लॉक भी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि ब्लैक लिस्टेड किसान की सूची इ-किसान भवन पर चस्पा कर दिया जायेगा. डीएओ ने बताया कि और किसानों की जांच की जा रही है.
Posted by Ashish Jha