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Agriculture: सरसों की फसल को लाही कीट से बचाने के लिए करें ये काम, जानें कृषि वैज्ञानिक से पौध संरक्षण के उपाय

सरसों की फसल पर लाही कीटों का आक्रमण शुरू हो गया है. कृषि विज्ञान केंद्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ गौतम कुणाल ने रबी फसलों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोग एवं कीटों के विषय पर विस्तृत जानकारी दी.

दरभंगा. बिहार स्थित दरभंगा जिले के ब्रह्मपुर गांव के मध्य विद्यालय परिसर में रबी के फसलों में एकीकृत कीट व रोग प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ गौतम कुणाल ने रबी फसलों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोग एवं कीटों के विषय पर विस्तृत जानकारी दी. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत दी गयी ट्रेनिंग में उन्होंने बताया कि इन दिनों सरसों की फसल में लाही कीट का प्रकोप देखा जा रहा है.

कीट को नियंत्रित करने का उपाय

यह कीट पौधों के मुलायम भाग से रस चूस कर अपना पोषण करता है. इसका प्रकोप अधिक होने से पत्तियां पीली पड़ जाती है और पौधों की वृद्धि रुक जाती है. फलस्वरूप फलियां कम लगती है और कम तेल निकलता है. इस कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड नामक दवा का एक एमएल तीन लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से कीट को नियंत्रित किया जा सकता है.

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लाही से फसल को बचाने के लिए करें दवा का छिड़काव

बताया कि भ्रमण के दौरान जाले प्रखंड के कई गेहूं के खेतों में फसल पीले दिखे हैं. इसके लिए जिंक सल्फेट ढाई किलोग्राम, 12.5 किलोग्राम यूरिया अथवा सवा किलोग्राम बुझा हुआ चूना 500 लीटर पानी में घोलकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करने से लाभ होगा. केंद्र के शोध सहायक डॉ संदीप कुमार सुमन, सरपंच राम दिनेश ठाकुर, प्रगतिशील किसान रजत ठाकुर, बैद्यनाथ ठाकुर, कन्हैया कुमार ठाकुर उपस्थित थे.

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