बिहार में खाद की कमी को लेकर किसान काफी परेशान हैं. उन्हें पूरे दिन मशक्कत करने के बाद भी उर्वरक नहीं मिल रहा है. कुछ जगहों पर उन्हें अगर मिल भी रहा है तो उन्हें तय कीमत से अधिक रुपये चुकाने पर रहे हैं. ऐसे में अब राज्य के कृषि विभाग ने केंद्र सरकार को एक बार फिर से याद दिलाया है कि किसानों की जरूरत पूरा करने के लिए वह बिहार को उर्वरक की आपूर्ति आवंटन के अनुसार करे. इस संबंध में कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने एक पत्र लिखा है.
बिहार में अभी जरूरत के अनुसार 19 फीसदी यूरिया की कमी चल रही है. एमओपी की आपूर्ति भी 35 फीसदी कम हो रही है. हालांकि, डीएपी मांग के अनुसार उपलब्ध है. एनपीके की आपूर्ति सरप्लस हो गयी है. कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत की चिंता है कि अभी आवंटन पूरा नहीं मिला है. उनका मानना है कि जरूरत खत्म होने के बाद केंद्र आपूर्ति पूरी कर यह दावा करेगा कि बिहार को आवंटन के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध करा दिया गया. दावा करेगा कि उसने राज्य को उर्वरक पूरा उपलब्ध कराया, लेकिन वास्तविकता में यह आपूर्ति कृषि सूखने के बाद होने वाली वर्षा की तरह है.
कितनी हुई खाद की आपूर्ति
30 दिसंबर तक बिहार को 790000 टन के मुकाबले मात्र 637502 टन यूरिया मिला. एमओपी 96000 टन की मांग भेजी गयी थी. केंद्र ने इसका आवंटन तो 116300 टन कर दिया, लेकिन आपूर्ति मात्र 61980 टन ही की गयी.
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जलवायु अनुकुल कृषि कार्यक्रम में गांवों की संख्या दोगुनी हुई
वर्ष 2022 में चौथे कृषि रोड मैप में मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जायेगा. कृषि मंत्री ने बताया कि चौथे कृषि रोड मैप में दलहनी, तेलहनी, पोषक अनाज के बीज उत्पादन तथा क्षेत्र विस्तार के लिए विशेष कार्यक्रम तथा जलवायु अनुकुल कृषि कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें प्रत्येक जिला के पांच – पांच गांवों से बढ़ा कर 10- 10 गांव में विस्तारित किया जायेगा. इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनायी गयी है.