बिहार में इस साल महंगा हो सकता है आम का स्वाद, जानें बारिश ने किसानों के सपनों पर कैसे फेरा पानी

Agriculture News: बिहार में आम का स्वाद लेना इस बार महंगा हो सकता है. इसका बड़ा कारण है कि आंधी और बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बिहार से बंगाल की खाड़ी तक जाने वाली पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बिहार के कई जिलों में बारिश के आसार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2023 5:09 PM
an image

Agriculture News: बिहार में आम का स्वाद लेना इस बार महंगा हो सकता है. इसका बड़ा कारण है कि आंधी और बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बिहार से बंगाल की खाड़ी तक जाने वाली पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बिहार के कई जिलों में बारिश के आसार है. इस दौरान कहीं-कहीं वज्रपात की भी संभावना जताई गई है. फिलहाल, बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. बक्सर, औरंगाबाद, कैमूर, सासाराम सहित बिहार के आठ जिलों में 66 एमएम बारिश रिकोर्ड हुई है.

बारिश की वजह से फसलों को नुकसान

गौरतलब है कि आंधी और बारिश की वजह से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. रोहतास जिले केनोखा बस स्टैंड के पास तो आंधी और बारिश से बचने के क्रम में एक व्यक्ति की खूले नाले में गिरकर मौत हो गई. रोहतास जिले में कहीं-कहीं ओलावृष्टी की भी खबरे सामने आई है. वहीं, बक्सर जिले में 4.2 मिलीमीटर बारिश का रिकार्ड दर्ज हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को बिहार में उत्तरी के साथ ही दक्षिणी हिस्से में बारिश का सिस्टम सक्रिय था.

Also Read: बिहार बोर्ड: मैट्रिक कंपार्टमेंटल परीक्षा की डेट जारी, 10 से 13 मई के बीच एग्जाम, जानें कब जारी होगा रिजल्ट

फसलों को नुकसान से किसान परेशान

बताया जा रहा है कि 27 अप्रैल से सभी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा. वहीं, इसके बाद फिर 29 अप्रैल से फिर मौसम में बदलाव होगा. इस कारण बारिश का सिस्टम सक्रिय हो जाएगा. मौसम विभाग के अनुसार बिहार के साथ ही देश के बाकि हिस्सों में भी आने वाले दिनों में बारिश की आशंका है. लेकिन, फिलहाल बारिश की वजह से आम की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. इस कारण किसान परेशान है. साथ ही संभावना जताई जा रही है कि आम की कीमत में भी इजाफा हो सकता है. इस कारण लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है.

Published By: Sakshi Shiva

Also Read: Bihar Caste Code: बिहार में जातीय गणना के खिलाफ खड़ी हुई लोहार जाति, जानें ये क्यों कर रहें विरोध

Exit mobile version