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Agriculture News: इस बार गर्मी में महंगी मिलेगी आम, खराब हो रही है पूरी फसल, जानें कैसे होगा बचाव

Agriculture News: आम का सीजन आने ही वाला है. दरअसल आम के पेड़ में मंजर दिखने शुरु हो चुके है. जिसके बाद सभी को आम खाने का भी मन कर रहा है. साथ ही पेड़ में मंजर दिखने के बाद अच्छी फसल आने की उम्मीद भी की जा रही है. लेकिन आम के पेड़ में कीड़े लगने का खतरा भी मंडरा रहा है.

Agriculture News: आम का सीजन आने ही वाला है. दरअसल आम के पेड़ में मंजर दिखने शुरु हो चुके है. जिसके बाद सभी को आम खाने का भी मन कर रहा है. साथ ही पेड़ में मंजर दिखने के बाद अच्छी फसल आने की उम्मीद भी की जा रही है. लेकिन आम के पेड़ में कीड़े लगने का खतरा भी मंडरा रहा है. साथ ही कई पेड़ों में कीड़े भी लग चुके है. ऐसे में आम के पेड़ों को कीड़ों से बचाने का प्रयास बहुत जरूरी है.

मंजर के रस को चूसते है कीड़े

आम के पेड़ के लिए मधुआ कीट बहुत ही खतरनाक है. मालूम हो कि अगर इस कीड़े से पेड़ को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो आम की फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती हैं. वहीं अगर इस कीड़े की बात करें तो यह भूरे रंग का छोटा सा होते है. आपकों बता दें कि व्यस्क के साथ ही शिशु दोनों ही पेड़ों के पत्तियों और कोमल टहनियों से लगकर उन्हें भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाते है. दरअसल यह आम के मंजर के रस को ही पूरी तरीके से चूस लेते है. दूसरी ओर शिशु कीट से एक प्रकार का श्राव निकलता है. जिस वजह से पेड़ की पत्तियां ही पीली पड़नी लगती है. जिसके बाद पेड़ को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है. पेड़ की पत्तियां इतनी अधिक कमजोर हो जाती है कि हल्की हवा चलने से ही यह झड़ने लगते है. साथ ही मंजर भी बहुत अधिक झड़ने लगते है.

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कीटनाशक का छिड़काव जरूरी

मधुआ कीट से बचाव बहुत ही जरूरी है. मालूम हो कि इस कीड़े से बचाव के लिए सबसे पहले तो कीटनाशक का छिड़काव बहुत ही जरूरी है. वहीं आपको बता दें कि मंजर जब सरसों के दानों के बराबर के आकार का हो जाता है, इसके बाद ही इसमें कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए. इससे पहले कीटनाशक का छिड़काव करना भी खतरनाक साबित हो सकता है. फसलों की सुरक्षा के लिए यह बहुत ही जरूरी है कि कीटनाशक की छिड़काव सही समय पर हो. अगर पहले ही कीटनाशक का छिड़काव कर दिया जाए तो फसल में कमी आएगी. गौरतलब है कि कीटनाशक का घोल बनाने के लिए एक ग्राम थायोमिथोक्जेम को तीन लीटर पानी में मिलाना होगा और पेड़ों में इसका छिड़काव करना होगा. साथ ही इमीडाक्लोप्रीड 17.8 एमएल दवा को भी तीन लीटर पानी में मिलाकर कीटनाशक का घोल तैयार किया जा सकता है.

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