Loading election data...

सावधान! बिहार में बदल गया ‘कृषि चक्र’, बुआई की अवधि में बढ़ोतरी, उत्पादन में कमी, जानें क्या है कारण और उपाय

Agriculture News: मौसम में बदलाव की वजह से खेती पर असर पड़ रहा है. केन्द्र सरकार किसानों के लिए कई परियोजना चला रही है. लेकिन मौसम में हो रहे बदलाव का असर खेती पर पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2023 10:35 AM
an image

Agriculture News: मौसम में बदलाव की वजह से खेती पर असर पड़ रहा है. केन्द्र सरकार किसानों के लिए कई परियोजना चला रही है. केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना से लेकर कई योजना किसानों की मदद के लिए चला रही है. नीतीश सरकार भी किसानों के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बिहार सरकार की ओर से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन मौसम में हो रहे बदलाव का असर उत्पादन पर पड़ रहा है.

खेती की लागत में इजाफा

फसल की उत्पादन पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर किसान काफी परेशान है. यहां तक की अब समय के साथ किसानों को खेती में लागत भी ज्यादा आ रही है. रबी, खरीफ और गरमा तीनों फसलों पर बदलते मौसम का प्रभाव पड़ रहा है. तीनों मौसम की फसल को लगाने की अवधी में इजाफा हुआ है. जानकारी के अनुसार इन फसलों की लगने की अवधि में 30 से 40 दिनों की बढ़ोतरी हुई है.

Also Read: आनंद मोहन ही नहीं, जंगल राज में इन पांच लोगों के नाम से भी कांपता था बिहार, पढ़िये बाहुबलियों की अनोखी कहानी
फसलों के उत्पादन में कमी

रबी फसलों की बुआई 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक की जानी चाहिए. लेकिन अब इसकी बुआई 20 नवंबर से दिसंबर तक होती है. मार्च से अप्रैल के महीने में गेहूं की फसल की कटनी की शुरुआत हो जाती है. वहीं, गर्मी के महीने में गेंहू की फसल सूखने लगती. इससे इसके उत्पादन में कुछ जगहों पर 50 फीसदी तक की कमी हुई है. खरीफ फसल की बुआई 20 जून तक होनी चाहिए. लेकिन पानी की कमी की वजह से इसकी बुआई 25 जुलाई तक में हो रही है. दूसरी ओर किसान भी अब खेती के नए तरीके को अपनाने की कोशिश में लगे हुए है. किसान कम अवधि वाले फसलों को लगा रहे है. साथ ही बिहटा के कई किसान तो सोयाबिन की खेती की ओर रुख कर रहे है. लेकिन पहले के मुकाबले फसलों के उत्पादन में कमी हुई है.

Published By: Sakshi Shiva

Exit mobile version