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बिहार: दरभंगा में बनेगा एम्स? विधानसभा में मंत्री संजय कुमार झा ने बतायी जरूरी बात

बिहार सरकार दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट मुफ्त जमीन आवंटित करने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई, समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है.

बिहार सरकार दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट मुफ्त जमीन आवंटित करने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई, समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है. दिल्ली से आई केंद्र सरकार की टीम ने आवंटित जमीन का मुआयना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वह जमीन एम्स के लिए उपयुक्त है. बिहार विधानसभा में शुक्रवार को यह जानकारी बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने विधायक अखतरुल ईमान की इस टिप्पणी के जवाब में दी, कि दरभंगा में एम्स के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है.

‘एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को करानी थी उपलब्ध’

संजय कुमार झा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा की गई थी. लेकिन, यह किस शहर में बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी. मुख्यमंत्री ने शुरू से कहा है कि बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में बनेगा. जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान माननीय मुख्यमंत्री ने शोभन-एकमी बाईपास के निकट चिह्नित भूमि का स्थल निरीक्षण किया और उसे उपयुक्त पाया था. मार्च, 2023 के पहले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक में उक्त भूमि एम्स के लिए आवंटित करने को मंजूरी दी गई.

अप्रैल में मिली थी जमीन के विकास को स्वीकृति: संजय झा

अप्रैल, 2023 में राज्य कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए 189.17 एकड़ भूमि में मिट्टी भराई, उसके समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए कुल 309 करोड़ 29 लाख 59 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी. राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है. साथ ही, इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग ने खिरोई नदी की तलहटी और बागमती नदी के हनुमाननगर से जटमलपुर तक के इलाके से मिट्टी मुफ्त देने की सहमति भी दे दी है.

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आमस-दरभंगा फोरलेन से सिर्फ पांच किमी दूर है एम्स की जमीन

संजय कुमार झा ने कहा कि आवंटित भूमि आमस-दरभंगा फोरलेन से सिर्फ पांच किमी दूर है. आवंटित जमीन तक फोरलेन कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक कार्य कराने के लिए भी खुद मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार आश्वासन दिया जा चुका है. उत्तर बिहार के किसी भी जिले से लोग जाम में फंसे बिना इस स्थल तक सुगमता पूर्वक पहुंच सकेंगे. साथ ही वह स्थल दरभंगा एयरपोर्ट के भी नजदीक है. इससे दरभंगा एम्स में देश-विदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का आना-जाना सुगम होगा और गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस के जरिये यहां लाना या यहां से बाहर ले जाना संभव होगा. संजय कुमार झा ने कहा कि शोभन-एकमी बाईपास के निकट आवंटित भूमि का केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जाकर स्थल निरीक्षण किया था. केंद्रीय टीम में शामिल अधिकारियों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि आवंटित भूमि उसे पसंद आई है, लेकिन बाद में पता नहीं क्या हुआ कि केंद्र सरकार दरभंगा में आवंटित भूमि पर एम्स निर्माण से मुकर रही है.

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देश में ज्यादातर एम्स खाली जमीन पर स्थापीत हुए

बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि देश में ज्यादातर एम्स ग्रीनफील्ड एरिया (खाली जमीन) में ही स्थापित हुए हैं. पटना में एम्स का निर्माण शहर से 12 किमी दूर फुलवारीशरीफ में हुआ है, जिससे नये इलाके का तेजी से विकास हुआ है. दरभंगा में भी शहर की सीमा पर एम्स का निर्माण होने से शहर को एक नया विस्तार मिलेगा. क्षेत्र में नये आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का निर्माण होगा और रोजगार के नये-नये अवसर पैदा होंगे.

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