बिहार में मुस्लिमों के मुद्दों को आवाज देकर ओवैसी ने तेज किए हमले, हिंसा मामले पर गरजे तो गरमायी सियासत

बिहार में हिंसा की घटनाओं पर अब एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को घेरा है. ओवैसी लगातार बिहार के मामलों में अब सक्रिय होने लगे हैं. ओवैसी ने बिहार सरकार और भाजपा दोनों पर हमला बोला है. सूबे की सियासत गरमायी हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2023 11:41 AM
an image

Bihar Politics: बिहार का माहौल पिछले कुछ दिनों बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा. रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं घटी. शहरों में धारा 144 लागू करने की नौबत आ गयी. जबकि नालंदा में फायरिंग के दौरान कई लोग जख्मी हुए जबकि एक युवक की मौत हो गयी. वहीं दो दिनों बाद जब हिंसा थमी तो सियासत इसपर शुरू हो गयी. गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकार पर बरसे तो महागठबंधन ने भाजपा पर निशाना साधा. वहीं अब इस मुद्दे पर एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला है.

बिहार के मामलों को लेकर बढ़ी ओवैसी की सक्रियता

असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों बिहार के मामलों को लेकर काफी सक्रिय रहने लगे हैं. हाल में ही सीमांचल दौरे पर आए ओवैसी ने बिहार में मुस्लिम वोटरों को साधने की पूरी कोशिश की थी. ओवैसी की सक्रियता महागठबंधन की चिंता की लकीरों को और बढ़ाता है. वहीं अब जब बिहार के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं घटी है तो ओवैसी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है और सरकार पर जमकर हमला बोला है.

Also Read: AQI Report: देश के टॉप 5 प्रदूषित शहरों में बिहार की एक स्मार्ट सिटी भी शामिल, पटना की हवा में भी घुला जहर..
बिहार हिंसा पर हमलावर ओवैसी 

असदुद्दीन ओवैसी ने नालंदा के बिहारशरीफ में हुई हिंसा और सासाराम के बवाल पर मुस्लिमों के पक्ष में मुद्दा उठाया. असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि बिहारशरीफ में धार्मिक स्थानों को नुकसान पहुंचाया गया और मुस्लिमों को टारगेट करके उनके दुकानों पर हमला बोला गया. इन तमाम आरोपों के साथ ओवैसी ने राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया.

ओवैसी का आरोप..

ओवैसी ने भाजपा पर ध्रुवीकरण तो महागठबंधन पर मुस्लिमों के अंदर खौफ पैदा करने का आरोप लगाया है. वहीं ओवैसी के बयान से फिर एकबार बिहार की सियासत गरमायी है. दरअसल, आगामी चुनावों को लेकर AIMIM ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. इस बार पार्टी अधिक सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने जा रही है. महागठबंधन की चिंता इस बार बढ़ेगी. दरअसल AIMIM ने मुस्लिम वोटों को साधने में सफल रहे हैं और उसका नुकसान महागठबंधन खासकर राजद को ही हुआ है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Exit mobile version