अल्पसंख्यक कल्याण समिति से बाहर किये गये AIMIM विधायक अख्तरूल इमान, सभापति ने लगाये थे गंभीर आरोप
विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति से एआइएमआइएम के विधायक अख्तरूल इमान को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है. यह कार्रवाई विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को की है.
पटना. विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति से एआइएमआइएम के विधायक अख्तरूल इमान को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है. यह कार्रवाई विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को की है. 30 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति आफाक आलम ने शिकायत की थी कि समिति की बैठकों में एआइएमआइएम के विधायक और समिति के सदस्य अख्तरूल इमान अपनी पार्टी का एजेंडा चलाते हैं. इमान पर आरोप था कि वे बैठक को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं.
अख्तरुल इमान के ऊपर अपनी पार्टी का एजेंडा चलाने का आरोप
दरअसल, पिछले दिनों बिहार विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सदस्य के तौर पर अख्तरुल इमान के ऊपर अपनी पार्टी का एजेंडा चलाने का आरोप लगा था. यह आरोप समिति के सभापति अफाक आलम ने लगाया था. इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को शिकायत की थी. अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति अफाक आलम की तरफ से शिकायत मिलने के बाद स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामला आचार समिति को भेजने का फैसला किया था. उस वक्त यह संभावना जताई गई थी कि अख्तरुल इमान को समिति से हटाया जा सकता है और उसके बाद आचार समिति अगर फैसला करती है तो उनकी सदस्यता तक जा सकती है.
समुचित कार्रवाई का दिया था आश्वासन
बिहार विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सभापति आफाक आलम ने AIMIM के विधायक और समिति के सदस्य अख्तरूल ईमान पर आरोप लगाया था कि वे समिति की बैठकों में अपनी पार्टी का एजेंडा और पार्टी के लोगों को बुलाकर बैठक को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण बैठक नहीं हो पा रही है. आफाक आलम की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जांच के बाद समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
नियमों की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि राज्य के विकास में विधानसभा की समितियों की भूमिका काफी अहम होती है. अगर इन समितियों के माध्यम से कोई भी सदस्य विकास में बाधा डालने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. संसदीय परंपराओं और नियमों की अवहेलना कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. ऐसे लोग तत्काल प्रभाव से समिति से तो हटाए ही जाएंगे तथा उन पर आचार समिति के माध्यम से गंभीरता के साथ कार्रवाई करने पर भी विचार किया जाएगा.