पटना. एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इस्लाम ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राष्ट्रगीत गाने से इनकार कर दिया. अख्तरुल इस्लाम ने कहा कि जो परंपरा हमारे बुजुर्गों की है, उसे स्थापित रखा जाये.
राष्ट्र गीत गाना क्यों जरूरी है. बिना वजह कोई चीजे जरूरी नहीं है, उसे नहीं थोपना चाहिए. अख्तरुल इस्लाम ने कहा कि हमें राष्ट्रगान गाने में कोई एतराज नहीं है, लेकिन राष्ट्र गीत गाना संविधान में कहीं अनिवार्य नहीं है. मुझे राष्ट्र गीत गाने से आपत्ति है.
एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इस्लाम ने यह भी कहा कि मैं वंदेमातरम नहीं कहूंगा. पूछे जाने पर अख्तरुल इस्लाम ने यहां तक कह दिया कि पहले यह बताया जाये कि यह जरूरी क्यों है? अख्तरुल इस्लाम ने कहा कि पूर्व में जिस तरह की परंपरा बिहार विधानसभा में चली आ रही है, आखिर पूर्व के जो लोग बिहार विधानसभा चलाते थे उन्होंने इस परंपरा को लागू क्यों नहीं किया.
अख्तरुल इस्लाम के इस बयान पर भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा कि आखिर वे राष्ट्र गीत क्यों नहीं गाएंगे. राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत नहीं गाने वालों से हमें आपत्ति हैं. वंदेमातरम गाने से यदि किसी को आपत्ति है, तो इसका मतलब साफ है कि उनकी मंशा ही गलत है.
भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा कि इस देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान अनिवार्य है, लेकिन जिन्हें इस पर आपत्ति है, तो जान लिजिए उनकी मंशा गलत है. जिनकों इस देश के राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान से आपत्ति है उनसे पूछिए कि उन्हें कहां का राष्ट्रगान अच्छा लग रहा है. अब कोई यह कहे कि देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर को कबूतर क्यों नहीं बना दिया गया?
Posted by Ashish Jha