कटिहार. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं का लगातार बिहार आना जाना लगा हुआ है. अगस्त में महागठबंधन सरकार बनने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता अमित शाह करीब तीन बार बिहार आ चुके हैं और चौथे दौरे की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी विपक्षी पार्टी एआईएमआईएम के नेता ओवैसी भी बिहार दौरे पर आ रहे हैं. पूर्णिया में महागठबंधन की रैली के बाद ओवैसी का सीमांचल दौरा खासा मायने रखता है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरुल इमान इमान ने कहा कि 18 मार्च को एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी बिहार आयेंगे.
अख्तरुल इमान इमान ने कहा कि सीमांचल के विकास के लिए उनकी पार्टी 18 और 19 मार्च को सीमांचल के इलाकों में सीमांचल अधिकार यात्रा निकालने जा रही है. इसी यात्रा में शामिल होने के लिए एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी का सीमांचल यात्रा होगा. उन्होंने कहा की इस क्षेत्र के विकास की आवाज बुलंद करने के लिए 18 और 19 मार्च को एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल के दौरा करेंगे. किशनगंज में मंदिर तोड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा की यह बहुत गलत हुआ है. इस घटना में जो भी लोग शामिल है. सरकार उसे ढूंढ कर कठोर से कठोर सजा दिलाये.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने सीमांचल को उपेक्षा का शिकार बना दिया है. महागठबंधन पर वार करते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि एआईएमआईएम के चार विधायकों को तोड़कर राजद बड़ी पार्टी बनी है. सीमांचल के मैंडेट से महागठबंधन की सरकार बनी है, लेकिन वादे के अनुसार इस इलाके के लिए महागठबंधन की सरकार ने कुछ भी नहीं किया है. इसके अलावा केंद्र सरकार भी इस इलाके के लिए ध्यान नहीं देती हैं. अमित शाह जैसा जिम्मेवार व्यक्ति भी सीमांचल में आकर इस क्षेत्र के बदहाली पर एक शब्द नहीं बोला.