लॉकडाउन के हटते ही हवा हुई दूषित, जानें पटना में सामान्य से कितना गुना बढ़ गया वायु प्रदूषण
सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ने से पटना शहर की एयर क्वालिटी फिर से खराब हो गयी है. लॉकडाउन के दौरान वाहनों की संख्या घटने से प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन घटा था, जिससे वायु गुणवत्ता में तेज सुधार हुआ था और शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स घट कर 35-40 तक पहुंच गया था.
अनुपम कुमार, पटना : सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ने से पटना शहर की एयर क्वालिटी फिर से खराब हो गयी है. लॉकडाउन के दौरान वाहनों की संख्या घटने से प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन घटा था, जिससे वायु गुणवत्ता में तेज सुधार हुआ था और शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स घट कर 35-40 तक पहुंच गया था. वहीं, अब पटना के कई क्षेत्रों में यह फिर से 100 से अधिक हो गया है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स संतोषजनक सीमा से 14 अधिक
रविवार को शाम पांच बजे शहर के व्यस्तम क्षेत्र में स्थित तारामंडल कॉम्प्लेक्स मॉनीटरिंग स्टेशन का एयर क्वालिटी इंडेक्स 166 तक पहुंच गया जबकि समनपुरा में 146 दर्ज किया गया. दानापुर और पटना सिटी समेत पूरे पटना का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 96 रहा जो संतोषजनक सीमा (51-100) में है, लेकिन केवल मुख्य पटना शहर का औसत निकालें तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 114 था जो संतोषजनक सीमा से 14 अधिक था. ऐसी स्थिति तब थी जब रविवार को बादल छाये हुए थे और धूल भरी हवाएं नहीं चल रही थी.
13 लाख है पंजीकृत वाहनों की संख्या
पटना जिला परिवहन कार्यालय में 13 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें से चार-पांच लाख शहर की सड़कों पर लॉकडाउन से पहले हर दिन निकलते थे. शहर के बाहर से भी हर दिन एक से डेढ़ लाख वाहन राजधानी में आते थे. लाॅकडाउन के दौरान शहर के बाहर से वाहनों का आना पूरी तरह बंद हो गया था, जबकि शहर के भीतर मौजूद वाहनों में भी केवल 30-40 हजार वाहन सड़कों पर निकलते थे. बाहर से आने वाले वाहनों की संख्या तो अभी भी कम है, लेकिन शहर में मौजूद वाहनों में चार-पांच लाख फिर से सड़कों पर निकलने लगे हैं. वाहनों की संख्या बढ़ने से फिर से जाम भी लगने लगा है और वाहनों के धुएंं से वातावरण प्रदूषित हो गया है.
posted by ashish jha