सुबोध कुमार नंदन, पटना. बरौनी रिफाइनरी में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो अगले माह से विश्वस्तरीय एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) यानी हवाई ईंधन का उत्पादन शुरू हो जायेगा. कमीशनिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस बीच उत्पादित एटीएफ को माइक्रो टेस्टिंग के लिए ब्रिटेन की सबसे प्रमुख लैब कंपनी को भेजा गया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद एटीएफ का उत्पादन शुरू हो जायेगा.
इंडजेट इकाई एटीएफ का उत्पादन करेगी, जो सूबे के पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट की ईंधन जरूरत को पूरा करेगी. साथ ही पड़ोसी देश नेपाल में एटीएफ की मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी. इस प्रोजेक्ट पर पांच सालों से काम चल रहा है. इसे लेकर पिछले दिनों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन एसएम वैद्य ने बरौनी रिफाइनरी के दौरे के दौरान समीक्षा की थी. इंडियन ऑयल के वरीय अधिकारियों के अनुसार एटीएफ के उत्पादन के लिए कंपनी के आरएंडडी डिवीजन द्वारा विकसित मेक इन इंडिया तकनीक का उपयोग करने वाली पहली इकाई है.
मिली जानकारी के अनुसार पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पैसो) से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है. लगभग 250 केटीपीए क्षमता वाली इस यूनिट से टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद उत्पादन प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. उद्घाटन कब होगा, इसे बताना मुश्किल है, लेकिन उम्मीद है कि 15 अगस्त से उत्पादन शुरू हो सकता है. इसका निर्णय पेट्रोलियम मंत्रालय के स्तर पर होगा.
वहीं, दूसरी ओर 32 साल बाद पाइपलाइन से मोरीगांव और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) से बरौनी रिफाइनरी में एटीएफ पहुंचने का काम गुरुवार से शुरू हो गया है. इसके लिए मोरीगांव और हल्दिया से बरौनी रिफाइनरी तक अंडरग्राउंड पाइप बिछाया गया है. बरौनी रिफाइनरी में ईंधन को स्टॉक किया जायेगा. इसके बाद टैंकर के माध्यम से पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट को सप्लाइ किया जायेगा.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक (बिहार -झारखंड) विभाष कुमार ने बताया कि कंपनी के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. इससे लाॅजिस्टिक खर्च तो बचेगा. साथ ही पर्यावरण प्रदूषण कम होगा. फिलवक्त पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट को हर दिन लगभग 100 केएल एटीएफ की सप्लाइ की जाती है.