बिहार में डेंगू का कहर तेजी से बढ़ रहा है. डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों से मौत की खबरें सामने आ रही है. प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर की उपस्थिति और अन्य स्वास्थ्य कर्मी सही से काम कर रहे हैं या नहीं इसकी मॉनीटरिंग का पूरा अभाव दिखता है. ड्यूटी होने के बावजूद कई डॉक्टर अस्पताल से गायब रहते हैं. एक या दो डॉक्टर के भरोसे पूरी ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में काम होता है. नवादा के अस्पताल में मॉनिटरिंग व्यवस्था बेहतर नहीं होने के कारण आम मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है. डेंगू को लेकर जारी अलर्ट के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई विशेष प्रबंध सामने नहीं दिखता. एक वार्ड बनाने की औपचारिक घोषणा के बाद अन्य कोई इंतजाम नहीं हैं. मरीजों को उच्च चिकित्सा संस्थान के लिए रेफर कर देना सदर अस्पताल की नियती बन कर रह गयी है.
डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सजग एवं सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है. डेंगू से बचाव के लिए जल जमाव नहीं होने दें. इसके लिए गमले का पानी, टायर, कुलर, फ्रीज आदि के पानी का नियमित रूप से सफाई करते रहें. इससे मच्छर की संख्या बढ़ सकती है. डेंगू एडीस मच्छर के काटने से होता है, जो प्रायः दिन में ही काटते हैं. इससे बचने के लिए मच्छरदानी या एंटी क्रीम तथा पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े का प्रयोग अवश्य करें. बच्चों को भी स्कूल भेजने के पहले फूल सर्ट, फूल पैंट, जूता आदि अवश्य पहनाएं.
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अचानक सिर में तेज दर्द व बुखार
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मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना
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आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
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गंभीर मामलों में नाक, मूंह, मसूड़ों से खून आना
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त्वचा पर चकते उभरना
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एडीज नामक मच्छर स्थिर पानी में पनपते हैं
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कुलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने का पानी का बर्तन, फ्रीज की ट्रे, फूलदान को नियमित रूप से साफ करें और धूप में सुखाकर प्रयोग करें.
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नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायरों में पानी जमा नहीं होने दें.
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घरों के दरबाजे एवं खिड़कियों में जाली/पर्दा लगायें.