बांका के लोग इन दिनों तेंदुए की दस्तक से दहशत में हैं. पिछले दिनों जमुई में भी तेंदुए का खौफ लोगों के अंदर दिखा था. ग्रामीणों ने वन विभाग को शिकायत की थी कि एक खंडहरनुमा घर की छत पर कोई बाघ जैसा जानवर देखा गया. वन विभाग ने तब काफी खोज की लेकिन कोई जानवर नहीं मिला था. तब तेंदुए के होने की आशंका वन विभाग की ओर से भी जताई जा रही थी. लेकिन अब बांका में अचानक तेंदुए को लेकर अलर्ट किया गया है. जानवरों पर संभावित तेंदुए के हमले की जानकारी के बाद ये अलर्ट किया जा रहा है.
बांका जिला अंतर्गत बौंसी थाना क्षेत्र के चांदन डैम स्थित जंगली मोड़ के आसपास से जानवरों पर संभावित तेंदुए के हमले की जानकारी वन विभाग को मिली है. बताया जा रहा है कि तेंदुआ के हमले से स्थानीय पशुपालकों के तीन मवेशी जख्मी हो गये हैं. इस घटना के बाद क्षेत्र में आमजनों के बीच भय का माहौल व्याप्त है. बताया जा रहा है कि मंगलवार को चरघारा, हरदीयाकुरा, सांपडहर, झुमरिया, भलसुरिया आदि गांवों के बच्चे स्कूल नही गये. इसकी सूचना वन विभाग को दे दी गयी. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने इसे गंभीरता से लिया है.
बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में जमुई जिला के सीमावर्ती इलाकों में तेंदुआ के मिलने की चर्चा थी. इसी संभावना को देखते हुए वन विभाग ने डैम एरिया में अपनी टीम को सक्रिय कर दिया है. इधर, जिला प्रशासन ने भी तेंदुआ की संभावना को लेकर आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है. रात के समय बच्चे सहित अन्य लोगों को जंगल की ओर जाने से परहेज करने की बात कही गयी है. साथ ही किसी भी तरह की सूचना वन विभाग को देने की अपील की है.
वन विभाग ने अभी तक तेंदुआ की पुष्टि नही की है. बावजूद ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग सक्रिय हो गयी है. क्षेत्र में रेंज ऑफिसर सरोज कुमार के निगरानी में वन विभाग की टीम मुस्तैद है. डीएफओ अभिषेक कुमार ने बताया है कि विभाग की दो टीम को वहां तैनात किया गया है. टीम के सदस्यों को दो ट्रैंक्यूलाइजर गन, पिजरा, जाल, पाउडर मुहैया कराया गया है. इसके अलावा डॉक्टर की टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है. रात भर वन विभाग की टीम क्षेत्र में संभावित तेंदुआ का पता लगायेंगे. इस काम में स्थानीय ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है. आगे उन्होंने कहा है कि प्रथम दृष्टया जख्मी पशु पर दांत के निशान नही मिले है. इसलिए स्पष्ट तौर पर तेंदुआ होने पुष्टि नही है.
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बता दें कि बीते गुरुवार को दिनों जमुई जिले के सोनो प्रखंड के अमेठियाडीह गांव में बीते अहले सुबह बाघ या तेंदुआ देखे जाने का दावा ग्रामीणों ने किया था. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने ताबड़तोड़ सर्च ऑपरेशन चलाया. लेकिन बाघ, तेंदुआ या अन्य कोई खतरनाक जंगली जानवर नहीं मिल सका था. रात में पिंजरे में चारा डालकर बाघ, तेंदुआ या उस तरह के किसी जीव को पिंजरा में फंसाने की योजना भी धरी-की-धरी रह गयी थी. थक हारकर रेंजर, वनकर्मी और भागलपुर से आये वन विभाग की टीम वापस लौट गयी थी. यहां के ग्रामीणों में ये भय बना ही हुआ है कि कहीं तेंदुआ या बाघ यहीं कहीं ना छिपा हुआ हो.
झाझा के रेंजर ने कहा कि छत पर दिखा जानवर बाघ या तेंदुआ नहीं होगा, बल्कि उदविलाब हो सकता है, जो भीड़-भाड़ देखकर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया होगा. वहीं छत पर बैठे जानवर का वीडियो बनाने वाले अमेठियाडीह निवासी राजन कुमार ने दावा किया था कि छत पर पर दिखा जानवर बाघ ही था. प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण बताते हैं कि जब उन लोगों ने छत पर उक्त बाघ को देखा उस वक्त काफी रौशनी हो गयी थी और स्पष्ट तौर पर बाघ ही दिखा था. दोनों ग्रामीण अपने दावे पर अडिग हैं. लिहाजा ग्रामीण अब भी भयभीत है.
इससे पूर्व गुरुवार की शाम लगभग दो दर्जन वन कर्मी पिंजरा व अन्य उपकरण लेकर अमेठियाडीह आए थे और रात भर उक्त जानवर की खोज में सर्च अभियान चलाया. इस दौरान वन कर्मी घूम-घूम कर माइकिंग कर ग्रामीणों को सचेत करते हुए घर में रहने की हिदायत देते रहे. खतरनाक जानवर को पिंजरा में फंसाने हेतु पिंजरा में बकरा डाला गया. रात भर वेपर लाइट जलाकर झाड़ियों में सर्च किया गया. लेकिन जानवर वन कर्मियों के हत्थे नहीं चढ़ सका. खोजबीन के दौरान कर्मियों को एक बार कोई जानवर झाड़ी से उक्त घर की ओर तेजी से भागता नजर आया था, उसके बाद फिर कभी कोई जानवर नजर नहीं आया. माना जा रहा है कि जानवर उसी वक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया होगा.