मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार को लेकर अलर्ट, एइएस प्रभावित पांच प्रखंडों में डॉक्टर और नर्स होंगे तैनात
Bihar News: डॉक्टरों की टीम में एक एमबीबीएस डॉक्टर, दो आयुष डॉक्टर व एएनएम रहेंगी. डॉक्टरों की टीम प्रखंड के बच्चों की स्वास्थ्य जांच के साथ साथ घर-घर में बच्चों का कैसे ख्याल रखा जाये. इसकी जानकारी देगी.
मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर में एइएस का पहला केस मिलने के बाद एइएस प्रभावित पांच प्रखंडों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कांटी, मीनापुर, बोचहां, पारू और मोतीपुर के पीएचसी प्रभारियों से पूछा गया है कि उनके यहां कितने डॉक्टर व नर्स एइएस के इलाज के लिए प्रशिक्षित हैं, इन पांच प्रखंडों में डॉक्टर जो प्रशिक्षित नहीं है, उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा. वहीं डॉक्टर पहले से प्रशिक्षित है, उन्हें एइएस के लक्षण वाले बच्चों का तत्काल इलाज करने को कहा गया है. सीएस डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि बच्चों को सही समय पर इलाज मिले, इसके लिए सभी व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए कहा गया है, प्रखंडों में डॉक्टरों की टीम को कैंप करने को कहा है.
घर-घर में बच्चों का कैसे ख्याल रखा जाये
डॉक्टरों की टीम में एक एमबीबीएस डॉक्टर, दो आयुष डॉक्टर व एएनएम रहेंगी. डॉक्टरों की टीम प्रखंड के बच्चों की स्वास्थ्य जांच के साथ साथ घर-घर में बच्चों का कैसे ख्याल रखा जाये. इसकी जानकारी देगी. इसके साथ ही आशा व एएनएम घर घर जाकर ओआरएस के पैकेट दे रही हैं. साथ ही बच्चों का स्वास्थ्य कैसा है, अगर किसी बच्चे में बुखार या चमकी बुखार के लक्षण मिलते हैं, तो उनका इलाज प्रथम चरण में यही डॉक्टरों की टीम करेगी. चमकी तेज बुखार (एइएस) से बच्चे पीड़ित न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने अभी से पहल करनी शुरू कर दी है.
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सर्वे में विशेषज्ञों की टीम रहेगी शामिल
आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने एइएस से प्रभावित 12 जिलों में पीड़ित बच्चों के घर व उसके रहन-सहन का सर्वे करायेगी. यह सर्वे में विशेषज्ञों की टीम शामिल रहेगी. जो एइएस होने के कारण बताये जा रहे हैं, इन्सेफेलोपैथी, प्री. मानसून इन्सेफेलोपैथी व हीट स्ट्रेस पर सर्वे करेगी. इसके लिए रिसर्च टीम गांव में आकर इसका रिसर्च करेगी. एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी पटना एम्स के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ लोकेश कुमार ने बच्चों में हो रही बीमारी का कारण उमस बताया था.