पटना . बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद से अभी राज्यभर में चल रही 11 बालिक गृह की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गयी है. हर बालिका गृह में आठ सीसीटीवी कैमरा लगाये गये हैं, जिससे गृह की आॅनलाइन निगरानी होती है. इसके बाद भी बिहार सरकार ने लड़कियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया है कि 2022 तक जिलों में वृहद आश्रय गृह शुरू करेगी, जिसका संचालन भी सरकार खुद करेगी और इसके लिए कैबिनेट से 500 करोड़ स्वीकृति मिली है. पहले चरण में 12 जिलों में वृहद आश्रय गृह की शुरुआत होगी.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद 40 से अधिक अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की गयी थी. इन सभी पर आरोप था कि इन्होंने अपना काम बेहतर ढंग से नहीं किया था . वहीं, दो लोगों को बर्खास्त और एक दर्जन से अधिक का वेतन भी कटा गया था. अब भी दर्जनभर विभागीय जांच हो रही है.
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वृहद आश्रय गृह शुरू होने के बाद सभी बालिका गृह बंद हो जायेंगे. इसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी तेज कर दी गयी है.
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1. एक वृहद आश्रय गृह पांच एकड़ में होगा,जिसका निर्माण सोसाइटी के तर्ज पर होगा और इसे ब्लॉक की तरह बनाया जायेगा.
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2. सभी धर्मों की लड़कियां एक ही छत के नीचे पूजा करेंगी.
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3. खेलकूद के लिए मैदान और सीसीटीवी कैमरा होगा.
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4. 12 फुट से ऊंची बाहरी दीवार और अंदर 15 फुट की दीवार होगी.
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5. सुरक्षाकर्मी और खाने के लिए हर ब्लाॅक में होगी व्यवस्था.
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6. हर ब्लाॅक में अलग से लाइब्रेरी, चिकित्सक सुविधा और इमरजेंसी के लिए ओपीडी होगा. जहां आॅनलाइन तुरंत चिकित्सकों से परामर्श होगा.
समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने कहा कि 2022 तक मुख्यमंत्री वृहद आश्रय गृह का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है, 12 जिलों में यह काम भवन निर्माण विभाग के माध्यम से होगा. इसके निर्माण के बाद सभी बालिका गृह बंद हो जायेंगे और सभी बच्चियों को यहीं रखा जायेगा.
Posted by Ashish Jha