बिहार में टैक्स विवाद के सभी पुराने मामलों का अब सितंबर तक होगा आसानी से समाधान, बढ़ी योजना की अवधि
राज्य में जीएसटी और पुराने वैट से जुड़े विवाद के सभी मामलों का निबटारा आसानी से हो सकेगा. इसके तहत 31 अगस्त, 2020 तक के सभी तरह के टैक्स विवाद का एक बार में समाधान किया जायेगा.
पटना. राज्य में जीएसटी और पुराने वैट से जुड़े विवाद के सभी मामलों का निबटारा आसानी से हो सकेगा. इसके तहत 31 अगस्त, 2020 तक के सभी तरह के टैक्स विवाद का एक बार में समाधान किया जायेगा.
यह विशेष योजना राज्य में सितंबर 2021 तक लागू रहेगी. इस योजना के अंतर्गत बकाये कर का 35 प्रतिशत भुगतान करके विवाद को समाप्त किया जा सकता है. अगर टैक्स, ब्याज और जुर्माना के मामलों में विवादित बकाये राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत का भुगतान करके इसका समाधान प्राप्त कर सकते हैं.
विधानसभा में इस नयी योजना से संबंधित ‘बिहार कराधान विवादों का समाधान विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी गयी. डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन में इस विधेयक को पेश किया, जो ध्वनिमत से पारित हो गया.
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना काल के कारण प्रभावित हुए टैक्स संग्रह को बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था खासतौर से की गयी है. इस तरह की योजना 2015, 2016 और 2019 में भी विभाग के स्तर से शुरू किया गया था, जिसका अच्छा परिणाम मिला.
2019 में इसके तहत एक हजार 127 करोड़ रुपये के बकाये के निबटारे के लिए 31 हजार 177 आवेदन मिले, जिसमें 331 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी. इस बार इसमें 716 करोड़ के बकाये के निबटारे के लिए 10 हजार 943 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनकी समाधान राशि 118 करोड़ रुपये है और इनका सेटलमेंट होने की संभावना है.
मंत्री ने बताया कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न कारणों को लेकर व्यापारियों ने इस योजना को फिर से लागू करने की मांग की थी. इसके तहत अगर किसी ने केंद्रीय जीएसटी महकमा में अलग-अलग प्रावधानों के तहत टैक्स का भुगतान कर सेटलमेंट कर लिया है, तो वह भी मान्य होगा.
ऐसी स्थिति में करदाता को अलग से भुगतान नहीं करना होगा. इसके अलावा अलग किसी जुर्माना या टैक्स विवाद में पहले से व्यापारी ने कोई राशि का भुगतान किया है, तो इसमें उतनी राशि की कटौती हो जायेगी.
बिहार विनियोग विधेयक विधान परिषद से पारित
वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट से संबंधित बिहार विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2021 गुरुवार को विधान परिषद ध्वनिमत से पास हो गया. इसकी घोषणा कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने की. इस संबंध में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन में इस विधेयक पर विचार करने और इसे पारित करने का प्रस्ताव रखा था.
उन्होंने बताया कि इसे लेकर आम लोगों से इ-मेल से 53 सुझाव मिले थे. उन सभी पर विचार कर उपयोगी सुझावों को शामिल किया गया था. वहीं, विधानसभा में बिहार विनियोग अधिकाई व्यय (1984-85) विधेयक, 2021 भी पास हुआ. इसके तहत वर्ष 1984-85 में राज्य के खजाने या आमदनी से 39 हजार 910 करोड़ रुपये अधिक व्यय हुए थे.
इनकी भरपाई करने के लिए यह विधेयक प्रस्तुत किया गया. महालेखाकार ने 2017 के मार्च में जारी ‘राज्य का वित्त’ में भी इसका उल्लेख किया था. इस वजह से 39 हजार 910 करोड़ रुपये के विनियमन का प्रस्ताव है.
जनगणना के बाद नये निकायों का होगा गठन
उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि राज्य में नये नगर निकायों का गठन 2021 की जनगणना रिपोर्ट आने के बाद किया जायेगा. उपमुख्यमंत्री गुरुवार को हरसिद्धि के विधायक कृष्ण नंदन पासवान द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने बताया कि बिहार नगरपालिका संशोधन अधिनियम 2020 के आलोक में राज्य के सभी जिलाधिकारियों से नये नगर निकायों के गठन और पूर्व से गठित नगर निकायों के उत्क्रमण एवं नगर निकाय के क्षेत्रों में विस्तार के संबंध में समीक्षा प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था.
उन्होंने बताया कि अब नयी जनगणना रिपोर्ट के बाद ही निकायों का गठन किया जायेगा. श्री पासवान ने पूछा था कि पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि बाजार की जनसंख्या 18 हजार को पार कर चुकी है. यह बाजार नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त करने की सभी अर्हता पूरी करता है.
Posted by Ashish Jha