बिहार में दिन व रात के तापमान में अधिक अंतर से बढ़ी एलर्जी की बीमारी, बदलते मौसम में जानें कैसे बरतें सावधानी
सुबह-शाम के साथ रात में ठंड व दिन में गर्मी होने से लोग बीमार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार की परेशानी आम बात है.
पटना/ मुजफ्फरपुर. मौसम में बदलाव के साथ ही खांसी, जुकाम और वायरल बुखार के मरीज बढ़ने लगे हैं. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में प्ररोज 300 से 400 मरीज पहुंच रहे हैं. शिशु ओपीडी में हर दिन करीब दो सौ बच्चे इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इसमें 65 प्रतिशत से अधिक वायरल से पीड़ित हैं. ऐसे में चिकित्सक भी बचाव की सलाह दे रहे हैं. मेडिसिन विभाग के डॉ सीके दास ने कहा कि इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम हो जाता है कमजोर
सुबह-शाम के साथ रात में ठंड व दिन में गर्मी होने से लोग बीमार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार की परेशानी आम बात है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चिन्मयी शर्मा कहते हैं कि अभी बच्चे खांसी व बुखार के अधिक आ रहे हैं. ऐसे मौसम में खानपान व रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत होती है.
ये बरतें सावधानी
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– आइसक्रीम, पेस्ट्री, कोल्ड ड्रिंक आदि के सेवन से बचें
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– फ्रिज में रखी ठंडी चीजें खाने से बचें
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– यदि किसी व्यक्ति को खांसी या जुकाम है उससे दूरी बनाकर रखें
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– नियमित रूप से मास्क का प्रयोग करें
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– खांसी और जुकाम होने पर गुनगुना पानी पीयें
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– बीमारी होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करें
ऐसी चीजें खाएं ताकि इम्यूनिटी हो मजबूत
जिन लोगों को जल्दी सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं, अक्सर उन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. उन लोगों को इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने वाली चीजें खानी चाहिए. खासतौर पर हरी सब्जियों, गाजर, मूली, टमाटर जैसी सब्जियां अधिक मात्रा में लेनी चाहिए क्योंकि इनमें एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं, जो शरीर में जमे तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. इसके साथ ही फलों में भी सेहत का राज छिपा होता है, जो बॉडी को फ्रेश रखता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है.
कीवी, नारियल पानी की बढ़ी डिमांड, बकरी का दूध 1200 से 1500 रुपये किलो
इधर, पटना में डेंगू के मरीज कई ऐसे फलों का भी सेवन कर रहे हैं, जिनसे रोग से उबरने में मदद मिलती है. इनमें कीवी फल व नारियल पानी भी हैं. बाजार में एकाएक इसकी मांग बढ़ गयी है. मौके का फायदा उठाकर फल कारोबारियों ने भी कीवी की कीमत बढ़ा दी है. बाजार में अलग-अलग कीमत पर कीवी बिक रहा है. नारियल पानी की स्थिति भी यही है. वहीं बकरी के दूध की कीमत तो 1200 से 1500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है. जबकि डेंगू से पहले बकरी का दूध 400 से 450 रुपये प्रति लीटर बेचा जाता था.
क्यों सहायक है बकरी का दूध
गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि बकरी के दूध में फैट, प्रोटीन, लैक्टोज, मिनरल और विटामिन होता है, जिस वजह से यह आपकी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. डेयरी प्रोडक्ट में पाये जाने वाले तत्वों के साथ ही बकरी के दूध में लिपिड और कई तरह के एसिड भी होते हैं, जिससे पाचन में मदद मिलती है. कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि बकरी के दूध में एक अहम चीज होती है, जिसका नाम है सेलेनियम. दरअसल, डेंगू में अहम खतरा सेलेनियम और प्लेटलेट काउंट का होता है. इससे बकरी के दूध से शरीर को सेलेनियम मिलता है और इससे डेंगू से लड़ने में मदद मिलती है.
नारियल पानी व कीवी 10 से 20 रुपया तक महंगे
कीवी व नारियल की पानी में 10 से 20 रुपये तक महंगा हो गया है. पहले इसका रेट 110 तीन पीस था. लेकिन अब 120 से 130 रुपये प्रति तीस बिक रहा है. मजबूरी में लोग इस फल को खरीद रहे हैं. डॉक्टर डेंगू के मरीजों को कीवी फल खाने की सलाह दे रहे हैं. बता दें कि वर्तमान में इसका आयात कीवी इराक से मुंबई होते हुए ट्रेन या फ्लाइट के माध्यम से पटना आता है. यही कारण है कि इसका रेट काफी अधिक होता है. इसी तरह 10 दिन पहले 40 रुपये में जो नारियल पानी बिकता था, अब वह 60 रुपये तक बिक रहा है.
इनके सेवन की भी देते हैं सलाह
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– पपीता और पपीते का पत्ता प्लेटलेट्स बढ़ाने के सबसे प्रचलित देसी फॉर्मूलों में एक माना जाता है.
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– कद्दू में विटामिन ए भरपूर होता है. यह कोशिकाओं में पैदा होने वाले प्रोटीन को कंट्रोल करता है, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
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– पालक विटामिन का बेहतर सोर्स है. इसका यूज कम प्लेटलेट्स की प्रॉब्लम होने पर किया जाता है.
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– इसके अलावा संतरा, अनार, नाशपाती, अनन्नास, नारियल पानी का सेवन करने की सलाह डॉक्टर देते हैं.