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सुबह चना-गुड़, दो बार का खाना और नाश्ता के लिए कस्तूरबा विद्यालय में प्रति बच्ची केवल 50 रुपये का आवंटन

कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली बच्चियों के लिए दूध, मौसमी फल और सप्ताह में दो दिन अंडा कढ़ी परोसने वाले मीनू का सातों दिन पालन करना अनिवार्य होता है. बीते एक सप्ताह में तीन बार जिला व पटना तक की टीम ने दोन-थरूहट व दियारे के स्कूलों की जांच की है.

पश्चिम चंपारण समेत हर जिले में प्रखंडवार बीपीएल परिवार की किशोरी बालिकाओं को आवासन के साथ पढाई की सुविधा उपलब्ध है. इसके लिये खोले गये कस्तूरबा बालिका विद्यालय व छात्रावास में 100-100 बच्चियों के लिये प्रत्येक दिन के लिये भोजन नाश्ता का मीनू बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से निर्धारित है. सातों दिन रोज सुबह चना गुड़ परोसने के साथ इसकी शुरूआत होती है. इसके साथ सुबह शाम नाश्ता के साथ दिन रात के लिये रोज अलग अलग प्रकार के भोजन व नाश्ते के मीनू निर्धारित है. इसमें दूध या दूध से बने खीर,मिक्स सब्जी,मिक्स दाल, मौसमी फल और सप्ताह में दो दिन अंडा कढ़ी परोसने वाले मीनू का अनुपालन सातों दिन होना अनिवार्य है.

सुबह चना गुड़ के बाद दो दो बार का खाना और नाश्ता के लिये कस्तूरबा विद्यालयों में प्रति छात्रा प्रति दिन के हिसाब से 50 रुपये के का प्रावधान किया गया है. इसी राशि में कस्तूरबा विद्यालयों की वार्डेन, शिक्षिका, रसोइया और आदेशपाल व गार्ड तक का गुजारा होना कठिन होने की जानकारी पर कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की जांच पर जांच बीते एक सप्ताह से जारी है. बुधवार की रात भी जिला प्रशासन से गठित टीम ने सिकटा, चनपटिया और नरकटियागंज में संचालित कस्तूरबा बालिका विद्यालयों का औचक निरीक्षण हुआ है.

कस्तूरबा विद्यालयों को व्यवस्थित संचालन की दारुण व दुर्दशा को डीइओ रजनीकांत प्रवीण के द्वारा पटना में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक उठाये जाने पर समस्याओं पर सकारात्मक विचार और सुधार का आश्वासन मिला है. जेंडर एजुकेशन की जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. इंदु त्रिपाठी भी उपरोक्त स्थिति के कारण कस्तूरबा विद्यालयों की समस्या कठिन बताया है. उन्होंने यह बताया कि अपर मुख्य सचिव के स्तर से पीडीएस दुकानों से रियायती चावल-गेंहू उपलब्ध होने को ले जारी आदेश जारी हुआ है. डॉ. त्रिपाठी बतातीं हैं कि इसके प्रभावी होने पर कस्तूरबा में रह रही हमारी बेटियों के लिये प्राप्त 50 रुपये के दर प्राप्त आवंटन के बावजूद सुविधाओं में थोड़ा सुधार हो सकेगा.

प्रांतीय बैठक में किया गया कस्तूरबा विद्यालयों में सुधार पर विचार का अनुरोध : डीइओ

डीइओ रजनीकांत प्रवीण बताते हैं कि कस्तूरबा विद्यालयों का बजट बेहद दर्दनाक है. विभाग की प्रांतीय बैठक में इसमें सुधार पर विचार का अनुरोध मेरे द्वारा बीते सप्ताह ही किया है. इसके बाद अपर मुख्य सचिव स्तर से कुछेक पहल शुरू की भी गयी है. हमें उम्मीद है कि इसमें और सुधार की पहल जल्दी ही शुरू होगी.

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