आमस-दरभंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण में अभी होगी और देरी, जानें कहां फंसा है जमीन अधिग्रहण का काम
इस सड़क का निर्माण करीब 6927 करोड़ रुपये की लागत से करीब 199 किमी लंबाई में करने की योजना है. यह सड़क सात जिलों से होकर गुजरेगी. इसमें नालंदा, गया, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा शामिल हैं.
पटना. राज्य में आमस से दरभंगा एनएच-119डी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के लिए पटना, गया और दरभंगा जिले में अब भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया धीमी है. इसे लेकर पिछले दिनों समीक्षा के दौरान संबंधित जिले के अधिकारियों को अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया गया था. इस सड़क का निर्माण करीब 6927 करोड़ रुपये की लागत से करीब 199 किमी लंबाई में करने की योजना है. यह सड़क सात जिलों से होकर गुजरेगी. इसमें नालंदा, गया, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा शामिल हैं.
नालंदा, गया और जहानाबाद जिला की स्थिति
सूत्रों के अनुसार नालंदा जिला में भू-अर्जन की कार्रवाई का कोई मामला लंबित नहीं है. गया जिला में भू-अर्जन की कार्रवाई में मुआवजा भुगतान के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है. छूट खेसराओं की भू-अर्जन प्रक्रिया चल रही है. जहानाबाद जिला में इस परियोजना के लिए भू-अर्जन का मामला लंबित नहीं है. एनएचएआई ने भू-अर्जन के बाद बची राशि वापस करने का अनुरोध किया है. इस पर जहानाबाद के जिला भू-अर्जन पदाधिकरी-सह सक्षम प्राधिकार को अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
पटना जिला की स्थिति
वहीं पटना जिला में भू-अर्जन की कार्रवाई में दर निर्धारण को लेकर संबंधित रैयतों ने आपत्ति किया है. साथ ही कई रैयतों द्वारा अद्यतन लगान रसीद और स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं देने के कारण मुआवजा राशि का वितरण धीमा है. करीब 90 खेसराओं की भूमि बकास्त से संबंधित होने के कारण मुआवजा वितरण की कार्रवाई लंबित है.
वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा जिला की स्थिति
वैशाली जिला में इस परियोजना हेतु भू-अर्जन की कार्रवाई में कोई विवाद नहीं है। सभी मौजों का दखल कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया गया है. साथ ही मुआवजा भुगतान की कार्रवाई को तेजी से करने का निर्देश दिया गया है. समस्तीपुर जिला में भूमि का दखल कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया गया है. छूटे खेसरा से संबंधित भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही दरभंगा जिला में मौजा वाजितपुर में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबित है. साथ ही एनएचएआई से एस्टीमेट स्वीकृत करते हुए राशि उपलब्ध कराने का जिला भू-अर्जन कार्यालय की तरफ से अनुरोध किया गया है.
जमीन अधिग्रहण में फंसा पेंच
सूत्रों के अनुसार पहले इसका निर्माण मई-जून 2022 में शुरू होने की बात कही जा रही थी, इसके बाद अक्तूबर-नवंबर 2022 से निर्माण शुरू होने की संभावना जतायी गयी. अब 14 जनवरी, 2023 के बाद सड़क का निर्माण शुरू करने की कोशिश हो रही है, लेकिन जहानाबाद जिले में जमीन अधिग्रहण का पेच फंसे होने के कारण निर्माण में समस्या आने की आशंका है. इस जिले में जमीन अधिग्रहण के भुगतान की यदि ऐसी ही स्थिति रही, तो निर्माण शुरू होने में कम -से -कम छह महीने की और देरी हो सकती है. यह आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इससे इससे और दक्षिण बिहार को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. साथ ही भविष्य में यह झारखंड बाॅर्डर से नेपाल बॉर्डर को भी जोड़ेगा.
चार पैकेज में होना है निर्माण
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार पैकेज में करीब 199 किमी लंबाई में करीब 6927 करोड़ रुपये की लागत से होना है. इसे बनाने के लिए निर्माण एजेंसी का चयन हो चुका है. पहले चरण में आमस – शिवरामपुर खंड पर करीब 55 किमी, दूसरे चरण में शिवरामपुर – रामनगर खंड पर करीब 54.30 किमी लंबाई में सड़क बनेगी. तीसरे चरण में समस्तीपुर के कल्याणपुर से दरभंगा के बलभद्रपुर तक करीब 45 किमी और चौथे चरण में टाल दसराहा – बेला नवादा खंड में करीब 44.09 किमी में सड़क बनेगी.
यह होगा रूट
सूत्रों के अनुसार यह एनएच औरंगाबाद के आमस के निकट एनएच-19 से शुरू होगी. इसके बाद जहानाबाद, नालंदा और पटना के कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल से होकर हाजीपुर के कल्याणपुर, समस्तीपुर के ताजपुर से होते हुए दरभंगा के बेला – नवादा के पास एनएच-27 में जाकर मिल जायेगी. पटना जिले में रामनगर से कच्ची दरगाह-बिदुपुर पटना रिंग रोड का भी हिस्सा है.आमस-दरभंगा सड़क गोपालगंज – किशनगंज एनएच को स्वर्णिम चतुर्भुज मोहनिया – डोभी एनएच से जोड़ेगा.