शुभम कुमार, पटना. कोरोना महामारी में जहां गरीब व मजबूर लोगों की मदद के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. बावजूद, आपदा में कालाबाजारी व मनमानी करने वालों पर रोक नहीं लग पा रही. शुक्रवार को एक परिवार को इसकी वजह से विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ा.
दरअसल पटना के ग्रामीण इलाके में एक परिजन को शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पीएमसीएच जाना था. लेकिन जब एंबुलेंस खोजने निकले, तो किराया सुन हिम्मत टूट गयी. एंबुलेंस वाले ने कादिरगंज थाना (पटना) से पटना पीएमसीएच लाने के लिए 20 हजार रुपये की डिमांड की.
वहीं, दूसरे एंबुलेंस वाले से पूछा तो उसने भी 18 हजार रुपये मांगे. अंत में थक हार कर एक बस को काफी मिन्नत के बाद परिजनों ने पटना जाने के लिए राजी किया. 7600 रुपये में बस को बुक कर शव को सीट पर रखा गया और परिवार वाले बैठ कर पटना के पीएमसीएच पहुंच शव का पोस्टमार्टम कराया.
बस में बैठे हरिलाल ने बताया कि मृतका ललिता देवी मेरी बहन की सास है. कुछ दिन पहले घर के आपसी विवाद में मारपीट हुई थी, जिसमें 65 वर्षीय ललिता देवी को उसकी गोतनी ने बहुत मारा था. इसके बाद परिजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार की देर रात मौत हो गयी. मृतका कादिरगंज थाना के पंडितगंज की रहने वाली थी.
बस में मृतका के छोटे-छोटे पोता-पोती, बेटा, बहू समेत कई परिजन बैठे थे. बताया कि पीएमसीएच में पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को ले जाना था. एंबुलेंस की तलाश में देर रात भटके.
अहले सुबह हुई तो एक बस वाले को अपना दुखड़ा सुनाया, तब जाकर वह माना. पीएमसीएच में पोस्टमार्टम के बाद उसी बस से शव गुलबी घाट ले गये. वहां पर ललिता देवी का अंतिम संस्कार किया.
Posted by Ashish Jha