Coronavirus के बाद अब ब्लैक फंगस भी कहर मचाने की तैयारी में है. बिहार में ब्लैक फंगस बीमारी से बेतिया के जीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यूएस पांडेय की मौत हो गई है. इलाज के लिए उन्हें पटना के रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. सोमवार की देर संध्या इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई. बताया गया कि बीते 14 अप्रैल को वह बेतिया मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हुए थे.
कोरोना को उन्होंने मात दे दिया और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई. हालांकि इसके बाद उनमें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण दिखने पर पटना के रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां उनका दाहिना आंख निकाल देने के बाद भी उनके शरीर में कई अंगों ने अपना काम करना बंद कर दिया और सोमवार की देर संध्या उनकी मौत हो गई.
इधर, प्रोफेसर के निधन पर जीएमसीएच के सभागार में प्राचार्य डॉ विनोद प्रसाद के उपस्थिति में शोक सभा का आयोजन किया गया. मौके पर अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार तिवारी, उपाधीक्षक श्रीकांत दुबे समेत अन्य मौजूद रहे. बताया कि बेतिया से पहले से एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर व पीएमसीएच पटना में प्राध्यापक के पद पर कार्य दे चुके थे. अभी बेतिया में तैनात थे.
हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों मेन साइनस की परेशानी, नाक का बंद हो जाना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में समस्या होना एवं बुखार होना म्यूकरमाइकोसिस मुख्य लक्षण हैं. यह अधिकतर कोरोना पीड़ित डायबिटीज के मरीजों में होता है. पटना एम्स में इसके इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. बिहार में ब्लैक फंगस से पहली मौत तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।
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Posted By: Avinish Kumar Mishra