अमित शाह के बिहार दौरा कार्यक्रम में बड़ा बदलाव, अब 25 फरवरी को आएंगे पटना, जानें परिवर्तन की तीन वजह
केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के बिहार दौरा के कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा की ओर से पटना में प्रस्तावित किसान-मजदूर समागम में शामिल होने के लिए अमित शाह आने वाले थे. ये कार्यक्रम में पटना में 22 फरवरी को होना था.
केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के बिहार दौरा के कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा की ओर से पटना में प्रस्तावित किसान-मजदूर समागम में शामिल होने के लिए अमित शाह आने वाले थे. ये कार्यक्रम में पटना में 22 फरवरी को होना था. मगर अब इसके तिथि में बदलाव किया जा रहा है. समागम का आयोजन 22 के बजाए अब 25 फरवरी को किया जाएगा. हालांकि, गृहमंत्री के आगमन की तैयारी में अभी भी भाजपा कार्यकर्ता पूरी जोश के साथ लगे हुए हैं. राज्य में भाजपा जिला से लेकर प्रखंड लेवल तक तैयारी करके ज्यादा से ज्यादा किसानों को आयोजन में शामिल करने की कोशिश कर रही है. इसका एक कारण विपक्ष के सामने शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है.
22 फरवरी को है लोकसभा सत्र और कैबिनेट
अमित शाह के बिहार दौरा के तिथि में बदलाव का एक कारण है कि 22 फरवरी को लोकसभा सत्र और कैबिनेट की बैठक है. इसके साथ ही, तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम को भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है. इसमें अमित शाह एक महत्वपुर्ण भुमिका निभा रहे हैं.
स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर होगा कार्यक्रम
भाजपा के द्वारा किसान-मजदूर समागम का आयोजन प्रसिद्ध किसान नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती पर किया जा रहा है. इसके जरिए बिहार में भाजपा किसानों के बड़े समुह को साधने की कोशिश की जा रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सौभाग्य की बात है कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की कर्मस्थली बिहार रही. वे एक युगदृष्टा थे। 1927 में उन्होंने किसान सभा की स्थापना की और उसका केंद्र पटना के बिहटा को बनाया, वहीं से उन्होंने किसान आंदोलन को संचालित किया. पटना के बिहटा स्थित उनके आश्रम में सुभाष चन्द्र बोस भी इनसे मदद मांगने आए थे.