बिहार में BJP का ‘मिशन- 35’ क्या है? अमित शाह सीमांचल से फूकेंगे बिगुल, जानें कितनी आसान होगी राह

Amit Shah Bihar Visit : गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरा करने वाले हैं. उनके किशनगंज और पूर्णिया आगमन कार्यक्रम को भाजपा के मिशन 35 से जोड़कर ही देखा जा रहा है. जानिये क्या है मिशन 35

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2022 11:17 AM

Bihar Politics: बिहार का सियासी समीकरण हाल में हुए उलटफेर के बाद बदल गया है. जदयू और भाजपा जो अबतक एनडीए में एकसाथ थे वो अब एक-दूसरे के आमने-सामने है. भाजपा विपक्षी दल बन चुकी है जबकि महागठबंधन ने अब केंद्र की गद्दी से भाजपा को हटाने का एलान किया है. इस बीच भाजपा ने अब बिहार को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘मिशन 35’ पर काम करना शुरू कर दिया है. गृह मंत्री अमित शाह सीमांचल का दौरा (Amit Shah Bihar Visit) करने वाले हैं जिससे सियासत गरमायी हुई है.

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी शुरू

बिहार में डबल इंजन से अब एक इंजन अगल हो चुका है और भाजपा विपक्षी पार्टी है. इस बीच एकतरफ जहां बिहार में महागठबंधन की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बार-बार भाजपा को ललकारा जा रहा है वहीं बीजेपी ने भी बिहार में अपनी तैयारी तेज कर दी है. वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए माहौल बनाना शुरू हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह किशनगंज व पूर्णिया दौरे से इसका शंखनाद करने जा रहे हैं.

बीजेपी का मिशन 35 क्या है?

जदयू ने अब भाजपा से नाता तोड़ लिया है. जबकि पशुपति पारस के नेतृत्व वाली लोजपा अभी भी बीजेपी के साथ एनडीए में है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अब भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. हाल में ही बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में मिशन 35 की तैयारी शुरू करने को कहा. दरअसल, मिशन 35 के तहत भाजपा बिहार की कुल 40 में 35 सीटों पर जीत दर्ज करने की तैयारी में लग गयी है. आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी किस तरह मैदान में उतरेगी, इसे भी तय कर दिया गया है.

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अमित शाह का सीमांचल दौरा

जदयू से अलग होने के बाद अब पहली बार गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा हो रहा है. गृह मंत्री अमित शाह आगामी 23 और 24 सितंबर को बिहार का दौरा (Amit Shah Bihar Visit) करेंगे. अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत गृह मंत्री किशनगंज और पूर्णिया आ रहे हैं. ये मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और पड़ोसी देश बांग्लादेश के बेहद करीब है. यहां गृह मंत्री कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे साथ ही जनसभाएं भी निर्धारित है.

बिहार का सियासी गणित

बिहार में अब जदयू और भाजपा अलग-अलग है. बीजेपी इसबार मिशन 35 के तहत मैदान में उतरेगी. बताते चलें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और भाजपा एनडीए के अंदर रहकर बराबर 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें भाजपा को सभी सीटों पर जीत मिली. जदयू ने एक सीट गंवाया और बाकी सबपर जीत दर्ज की. लोजपा के 5 सांसद एनडीए की ओर से जीते थे. अब इस बार जब सियासी दलों के गठबंधन में उलटफेर हुआ है तो भाजपा जदयू के उन सीटों पर और अधिक मेहनत करना चाहेगी जो साथ रहने के कारण जदयू की झोली में गया था.

भाजपा के लिए राह आसान नहीं

बीजेपी को बिहार में अब अधिक मेहनत करने की जरुरत है. आज के ही तरह पहले भी 2015 में नीतीश कुमार और लालू यादव साथ थे. इस समय जब भाजपा तीन क्षेत्रिय दलों के साथ गठबंधन में थी तब भी सूबे की 243 विधानसभा सीटों में मात्र 58 पर ही जीत दर्ज कर सकी थी. बाद में जब 2019 का लोकसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी व जदयू के साथ वाले एनडीए ने 40 में 39 सीटों पर जीत दर्ज किया था. अब जब लालू-तेजस्वी-नीतीश साथ हैं तो बीजेपी की राह इतनी आसान नहीं रहेगी. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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