Amit Shah in Rally: अमित शाह ने पूर्णिया रैली में महागठबंधन पर किया तीखा हमला, जानें रैली की 10 अहम बातें
Amit Shah ने पूर्णिया में अपनी रैली में महागठबंधन की सरकार पर जमकर हमला किया है. गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की कोई विचारधारा नहीं है. उन्होंने बस अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने की चिंता है.
Amit Shah ने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में आयोजित सभा में गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री Nitish Kumar और Lalu Yadav पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की कोई विचारधारा नहीं है. उन्होंने बस अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने की चिंता है. लालू राज को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं. बिहार में कमल खिलेगा. उन्होंने कहा कि एक बार पूर्ण बहुमत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइए बिहार में विकास होगा.
सीमांचल के लोग को डरने की जरूरत नहीं
संबोधन के दौरान अमित शाह ने लोगों से कहा कि लोग कह रहे हैं कि मैं यहां झगड़ा लगाने के लिए आ रहा हूं जबकि लालू ने पूरा जीवन यही काम किया है. लालू जब सरकार में आए हैं तो बिहार में जंगलराज आना तय है. नीतीश और लालू की गोद में बैठे हैं तो सीमांचल के लोगों को भय होने लगा है. हम सीमांचल के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि सीमांचल हिंदुस्तान का अभिन्न हिस्सा है. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है.
अमित शाह की दस मुख्य बातें
1) लालू की गोद में नीतीश के बैठने से पूरे बिहार में डर.
2) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रहते किसी को डरने की जरूरत नहीं.
3) धोखा देकर नीतीश ने दिखायी स्वार्थ और सत्तालोलुपता.
4) इमरजेंसी से जन्मे नीतीश प्रधानमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के आगे नतमस्तक.
5) 8 साल पहले याद कीजिए. 2 सीट पर सिमट गये थे. न घर के रहे न घाट के रहे थे.
6) 25 में लालू-नीतीश का सूपड़ा साफ कर देंगे.
7) सीमांचल में जनजातियों के साथ अत्याचार.
8) सीबीआइ को रोकने की बात करनेवाले कभी सीबीआइ को आवेदन देते रहते थे.
9) पूर्णिया में हवाई अड्डा बन गया लगभग लगभग , सस्ते हवाई जहाज में 12 जिले के लोग जाएंगे.
10) एनएच 107 एक हजार करोड़ के दोहरीकरण, पूर्णिया-खगड़िया 650 करोड, किशनगंज में बाइपास, 6 किमी 4 लेन गंगा पर साहिबगंज पुल, गलगलिया, अररिया सुपौल रेलखंड , 1 लाख 25 हजार करोड, 7 साल में 1 लाख 35 करोड का हिसाब लेकर आया हूं. नीतीश बाबू अपना हिसाब दीजिए, कुर्सी बचाने के अलावे क्या किया.