अमित शाह बिहार आकर जातीय सर्वे पर क्या बोल गए? भाजपा को बताया साथ लेकिन इन मुद्दों का चाहते हैं समाधान..
गृह मंत्री अमित शाह रविवार को पटना पहुंचे और 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत की. बातचीत के दौरान बिहार में जातीय सर्वे को लेकर उन्होंने कई बातें कहीं. गृह मंत्री ने क्या कुछ कहा, जानिए..
Amit Shah Bihar Visit: पटना में रविवार को 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आयोजित हुई जो गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की. सीएम नीतीश कुमार ने गृह मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया. वहीं बिहार आए गृह मंत्री अमित शाह ने फिर एकबार जातीय सर्वे से जुड़े सवालों का जवाब दिया और फिर एकबार इस सर्वे की कई त्रुटियों को उन्होंने गिनाया. इससे पहले जब अमित शाह मुजफ्फरपुर में रैली करने आए थे तब भी जातीय सर्वे को लेकर कई आरोप नीतीश सरकार पर लगाए थे. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में देश भर में जातीय आधारित जनगणना कराने की भी मांग की है.
जातीय सर्वे पर बोले अमित शाह..
केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पूर्वी क्षेत्रीय समिति की बैठक के बाद राजकीय अतिथिशाला में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान अमित शाह ने नीतीश सरकार के द्वारा बिहार में कराए गए जातीय सर्वे को लेकर कहा कि जब यह निर्णय हुआ था तब भाजपा बिहार सरकार में हिस्सेदार थी. जब ये प्रस्ताव सामने आया तो बिहार में भाजपा ने इसका समर्थन भी किया था. भाजपा ने सर्वे होने के बाद जब रिपोर्ट आयी और कानून बना तब भी इसका समर्थन किया. बिहार असेंबली ने इसे सर्वानुमति से पास किया है. लेकिन जातीय सर्वे में खासकर मुसलमान और कुछ जाति विशेष को अधिक तवज्जो देने और छोटी-पिछड़ी जातियों को अन्याय करने का सवाल बार-बार उठ रहा है.
अमित शाह किन मुद्दों का चाहते हैं समाधान..
गृह मंत्री अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान रविवार को कहा कि कई सारी छोटी पिछड़ी जातियों के डेलिगेशन राजनीतिक दलाें से मिले हैं. भाजपा के साथ वो राजद और जदयू के नेताओं से मिले. मैं आग्रह करता हूं कि सारे उठे सवालों का तुरंत समाधान करना चाहिए.अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी जाति के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए. अमित शाह ने अपनी राजनीति के लिए किसी समुदाय या जाति को फायदा नहीं पहुंचाने का सुझाव दिया.
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मुजफ्फरपुर की रैली में क्या बोले थे गृह मंत्री..
बता दें कि जब अमित शाह हाल में ही मुजफ्फरपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने आए थे तो उन्होंने जातीय सर्वे के मुद्दे को छेड़ा था. बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने जातीय सर्वे की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए थे. बीते महीने नवंबर में 5 तारीख को मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डा मैदान में आयोजित जनसभा से विरोधियों पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार पर तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राज्य के जातीय सर्वे में जानबूझकर मुस्लिम व यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया था. वहीं दूसरी ओर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पलटवार करके कहा था कि गृह मंत्री इसका प्रमाण दे दें. हमारे पास टेक्निकल डाटा है और वो सबकुछ बताता है. गृहमंत्री किस आधार पर ये आरोप लगा रहे हैं वो बता दें. बताते चलें कि अमित शाह के इस आरोप पर बिहार में जब सियासत गरमायी तो भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी ये आरोप लगा दिया था.
जाति गणना में छूटे नामों को जोड़ने का आग्रह
इधर, दरभंगा में भारतीय भंगी विकास मंच की बैठक रविवार को राजेंद्र राम की अध्यक्षता में हुई. इसमें समाज के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए अपने-अपने बच्चों को शिक्षा देने का आह्वान किया गया. साथ ही सरकार से राज्य सफाई कर्मचारी आयोग गठन करने की मांग की गयी. मौके पर राजेन्द्र राम ने कहा कि सामाजिक विषमता में कमी आयी है. अरुण राम ने कहा कि सभी कार्यालय में सफाई का कार्य एनजीओ के हाथों में दे दिया है. इससे कर्मियों का शोषण होता है. इसलिए सरकार को कर्मियों को स्थायी रूप में बहाल करना चाहिए. विजय राम ने कहा कि जातीय जनगणना में हजारों मेहतर, डोम, भंगी परिवार का नाम छूट गया है. इसे जोड़ा जाये. कहा कि आरक्षण की सीमा 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाये.