Amit Shah दो दिवसीय बिहार दौरे पर आए हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार की सुबह पूर्णिया में रैली को संबोधित किया. रैली में केंद्रीय मंत्री का भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद अमित शाह पूर्णिया से किशनगंज पहुंचें. वो वहां भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करेंगे. साथ ही, आज एतिहासिक किशनगंज की बूढ़ी काली मंदिर (Budhi Kali Mandir Kishanganj) में पूजा करने जाएंगे. बताया जा रहा है कि वो वहां करीब 15 मिनट तक रूकेंगे. अमित शाह माता की पूजा करने के साथ प्रसाद का भी अर्पण करेंगे. मंदिर के पुजारी मलय मुखर्जी ने बताया कि पहली बार कोई गृहमंत्री इस मंदिर में आ रहा है. लोगों में भारी उत्साह है. यहां आने वाले लोगों की मनोकामनाएं मां जरूर पूरी करती है.
बूढ़ी काली मंदिर के पूजारी मलय मुखर्जी ने बताया कि मंदिर की स्थापना 1902 में हुई थी. इस मंदिर का इतिहास करीब 120 वर्ष पूराना है. इस पूरे प्रदेश के लोगों की बड़ी आस्था है. नवरात्रों में यहां भक्त दूर-दूर से आते हैं. इश मंदिर में मूर्ति दान की परंपरा भी है. अभी आने वाले 20 वर्ष तक के लिए मंदिर में मूर्ति दान करने की वेटिंग लिस्ट है. पूजारी ने बताया कि नवरात्र में मां की आराधना बंगाली रीति रिवाज के अनुसार की जाती है. मंदिर में राज्य मंत्री और विधायक आदि आते रहते हैं. मगर इस दर्जे का कोई नेता पहली बार आ रहा है.
अमित शाह के मंदिर आगमन को लेकर पूरे परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. मलय मुखर्जी ने बताया कि शनिवार को मंदिर के इतिहास का एक प्रमुख दिन होगा. इसे देखते हुए मंदिर की सुरक्षा चौकस कर दी गयी है. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि करबी 20 वर्ष से मंदिर में है. इससे पहले उनके दादा भी मंदिर के पूजारी थे. गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल सीमांचल में इस मंदिर में अमित शाह के जाने का अपना ही महत्व है.