बिहार के प्रवासी श्रमिक देश के विकास की नींव, इन्हें अपमानित करने वालों को इनका जज्बा नहीं मालूम : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों की भी बात की और बिहार के प्रवासी मजदूरों को देश के विकास का नींव बताया.

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 7, 2020 8:30 PM

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों की भी बात की और बिहार के प्रवासी मजदूरों को देश के विकास का नींव बताया.

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बिहार के लोगों का पसीना इस देश के विकास की नींव में लगा :

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि बहुत लोगों ने बिहार को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन मैं कहना चाहता हूँ कि बिहार के लोगों को इन बातों में नहीं पड़ना है. उन्होने बिहार की जनता और विशेषकर प्रवासी मजदूरों को इन बातों से दूर रहने की सलाह दी.उन्होने कहा कि देश का कोई भी हिस्सा चाहे मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु हो,जो विकसित है उसकी नींव में जाएंगे तो उसमें मेरे बिहार के प्रवासी मजदूरों के पसीने की महक आती है. अमित शाह ने कहा कि बिहार के लोगों का पसीना इस देश के विकास की नींव में लगा है. जो लोग बिहार के प्रवासी मजदूरों को अपमानित करते हैं उन्हें इनका जज्बा नहीं मालूम है.

प्रवासी मजदूरों को सम्मान के साथ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को मदद की :

गृह मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को सम्मान के साथ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को मदद किया.कोरोना महामारी के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सभी जगह प्रवासी मजदूरों को सम्मान से रखा जाए और उनके लिए 11 हजार करोड़ रुपये राज्यों को दिए.

श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाया :

अमित शाह ने कहा कि करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया.उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई. उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई.

एक देश-एक राशन कार्ड’ का मिलेगा लाभ :

नरेन्द्र मोदी जी ने अभी-अभी गत कैबिनेट में निर्णय लिया की ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ देश के लिए लागू होगा. बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं.इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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