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बेगुसराय में अमित शाह के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरते वक्त खोया संतुलन, पायलट की सूझबूझ से टला हादसा

बेगूसराय से जनसभा को संबोधित कर वापस लौटने के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का हेलिकॉप्टर तेज हवा की वजह से असंतुलित हो गया. लेकिन वक्त रहते पायलट ने हेलिकॉप्टर कंट्रोल कर लिया

By Anand Shekhar | April 29, 2024 6:59 PM

बेगूसराय के जीडी कॉलेज ग्राउंड में सोमवार को एनडीए के भाजपा प्रत्याशी गिरिराज सिंह के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री अमित शाह एक बड़े हादसे का शिकार होने से बचे. जनसभा को संबोधित करने के बाद लौटने के दौरान गृह मंत्री का हेलिकॉप्टर उड़ान भरते ही कुछ देर के लिए असंतुलित हो गया. हालांकि पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को संभाल लिया और एक बड़ा हादसा टल गया.

हवा में लहराने लगा हेलिकॉप्टर

दरअसल, सभा को संबोधित करने के बाद गृह मंत्री आगे की यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर में सवार हुए. इसके बाद पायलट ने हेलिकॉप्टर स्टार्ट किया. लेकिन हेलिकॉप्टर जैसे ही जमीन से ऊपर उठा वो उलटी दिशा में मुड़ गया और अजीब तरीके से हिलने डुलने लगा. कई बार तो हेलिकॉप्टर 2 फुट नीचे तक आया और जमीन में सटने से बचा. लेकिन पायलट ने किसी तरह हेलिकॉप्टर को कंट्रोल कर आगे की उड़ान भड़ी. बताया जा रहा है कि तेज हवा की वजह से हेलिकॉप्टर का संतुलन कुछ देर के लिए बिगड़ गया था.

बेगुसराय में अमित शाह के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरते वक्त खोया संतुलन, पायलट की सूझबूझ से टला हादसा 2

इससे पहले जीडी कॉलेज ग्राउंड में सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश को मजबूर नेता नहीं, मजबूत नेता चाहिए. मोदी ने देश को एकजुट करने का काम किया. इंडिया गठबंधन का पीएम कौन है, देश इसे जानना चाहता है. बेगूसराय में कम्युनिस्ट और कांग्रेस ने मिलकर बरौनी फर्टिलाइजर, थर्मल और बरौनी रिफाइनरी को बंद करने का काम किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस बंद कारखाने को चालू किया और बरौनी रिफाइनरी का विस्तारीकरण भी किया.

अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को हटाये जाने और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट बैंक की परवाह किये बिना कई बड़े फैसले किये. उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि धारा 370 को लेकर राहुल बाबा ने कहा था कि इसके कारण कश्मीर में खून की नदी बहेगी, लेकिन पिछले पांच साल में खून की नदी बहना तो दूर किसी ने वहां पत्थर फेंकने की भी हिम्मत नहीं की.

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