एचएफसी बरौनी स्थित हर्ल में लगी अमोनिया यूनिट, मार्च तक तैयार हो जायेगा कारखाना, जानें कितनों को मिलेगा रोजगार

आगामी मार्च इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि बिहार में यूरिया की खपत 22.7 लाख टन है. लेकिन यहां से हम करीब 13 लाख टन ही उत्पादन कर सकेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 21, 2020 10:07 AM

बीहट. एचएफसी बरौनी स्थित निर्माणाधीन हर्ल कारखाना के अधिकारियों संग विकास कार्य की प्रगति को लेकर केंद्रीय पशुपालन मंत्री सह बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने रविवार को हर्ल के सभागार में समीक्षा बैठक की.

इस मौके पर हर्ल के महाप्रबंधक सुनील सिंह, उप महाप्रबंधक बीबी मिंज ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर उनका स्वागत किया. बैठक के बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर हर्ल कारखाना के चालू करने की मियाद थोड़ी बढ़ी है.

मई 2021 की जगह अब यह नवंबर माह में चालू होगा. हर्ल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसे जनहित और प्रदेश हित में ससमय पूरा होने का भरोसा जताया. उन्होंने बताया कि मार्च 2021 में नब्बे प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.

आगामी मार्च सिर्फ फिनांसियल वर्ष के रूप में नहीं बल्कि हर्ल के प्रतिष्ठित होने का वर्ष है. इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि बिहार में दस प्रतिशत की दर से यूरिया की खपत बढ़ रही है, जबकि खपत 22.7 लाख टन है. लेकिन यहां से हम करीब 13 लाख टन ही उत्पादन कर सकेंगे.

इसके लिए यूरिया के संग आर्गेनिक को कैसे बढ़ावा मिलेगा इस पर योजना बनाने की जरूरत है.इसके लिए बरौनी मिल्क यूनियन से जुड़कर काम करने की योजना है. जिसमें एनटीपीसी और नीम कोटेड यूरिया भी होगा.

हर्ल को बनते देखना बेगूसराय और बिहार के लोगों के लिए एक सपने को सच होते देखने से कम नहीं है. कुछ लोग शिलापट्ट लगाकर सिर्फ राजनीति करते हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने शिलापट्ट भी लगाया और सात हजार करोड़ बजट के साथ भी दिया.

जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री अपने हाथों से करेंगे. समीक्षा बैठक में कारखाना परिसर में नीम और फलदार वृक्ष के पौधे लगाकर ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करने के पूर्व बैठक में दिये गये निर्देश पर हर्ल द्वारा कोई संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर सांसद ने अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की.

बेवजह प्रतिष्ठान को राजनीति का अड्डा न बनाएं

उन्होंने हर्ल कारखाने में कई बार काम बंद करके राजनीति कर रहे लोगों से अपील करते हुए कहा बेवजह इसे राजनीति का अड्डा न बनाएं.

एक दल विशेष पर निशाना साधते हुए कहा कि लाल झंडाधारी ने सारे यूनिटों पर राजनीति करते करते फर्टिलाइजर को बंद कराया, रिफाइनरी का प्रोडक्शन गिर गया.

जिन राजनीतिक दलों के कारण कल-कारखानों की यह दुर्दशा हुई, बेगूसराय की जनता को अब और सजग रहना पड़ेगा ताकि इन पर फिर से ग्रहण न लगे.

भला हो देश के प्रधानमंत्री का जिन्होंने 25 हजार करोड़ देकर रिफाइनरी का रिवाइवल कर रहे हैं.पेट्रोकेमिकल के स्थापना की आशा जगी है,बेगूसराय एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होने की राह पर अग्रसर हो चला है.

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने हर्ल पदाधिकारियों के समक्ष कहा कि खिलाड़ियों के लिए हर्ल मैदान से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जायेगी बल्कि इसे और सुविधायुक्त बनाया जायेगा.

वहीं मजदूरों की समस्या को लेकर सांसद ने कहा कि कारखाने में काम कर रहे मजदूरों का आर्थिक शोषण कोई न कर सके इसका दायित्व हर्ल प्रबंधन का है.

इस मौके पर बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार, अमरेंद्र कुमार अमर, हर्ल के सुरक्षा सलाहकार बीके सिंह, सुनील सिंह,पीडीआइएल के आरसीएम मनीकारा, टेकनीप के आरसीएम ए के बिट्टा, एलएंडटी के आरसीएम मनीमारन सहित अन्य मौजूद थे.

Posted by Ashish Jha

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