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आजादी का अमृत महोत्सव: मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से इस बार नहीं होंगे बंदी रिहा

आजादी की 75वीं सालगिरह पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी जेल को बंदियों को रिहा करने को लेकर एक गाइडलाइन तैयार किया था. लेकिन मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा और उसके अधीन सभी मंडल और उपकारा में बंद बंदी गृहमंत्रालय की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2022 11:03 AM

मुजफ्फरपुर.आजादी की 75वीं सालगिरह पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके तहत जेल से बंदियों को सशर्त रिहा करना था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी जेल को बंदियों को रिहा करने को लेकर एक गाइडलाइन तैयार किया था.लेकिन मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा और उसके अधीन सभी मंडल और उपकारा में बंद बंदी गृहमंत्रालय की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरे. इसलिए उनका रिहा होना संभव नहीं हुआ.

इस बार 15 अगस्त को शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर और उसके अधीन दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधुबनी, शिवहर मंडल कारा सहित अन्य उपकारा से एक भी बंदी रिहा नहीं होंगे.शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक बिजेश सिंह मेहता ने बताया कि बंदी की रिहाई के लिए दिये गये निर्देश का शत-प्रतिशत पालन नहीं कर सके हैं. इससे पहले महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिवस पर बंदियों को सशर्त रिहा किया गया था. उस वक्त मुजफ्फरपुर से एक बंदी रिहा हुआ था.

योग्य बंदियों के लिए अर्हता

  • 50 वर्ष से अधिक आयु की वे महिला सिद्धदोष अपराधी, जिन्होंने अपनी कुल सजा की 50% अवधि पूरी कर ली हो

  • 50 वर्ष से अधिक आयु की ट्रांसजेेंडर सिद्धदोष अपराधी, जिन्होंने अपनी कुल सजा की 50 % अवधि पूरी कर ली हो

  • 60 वर्ष से अधिक आयु का वे पुरुष सिद्धदोष अपराधी, जिन्होंने अपनी कुल सजा की 50 % अवधि पूरी कर ली हो

  • 70 %और उससे अधिक दिव्यांगता वाले शारीरिक रूप से अक्षम/विकलांग वे सिद्धदोष अपराधी, जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि की 50 % अवधि पूरी कर ली हो

  • गंभीर रूप से बीमार सिद्धदोष अपराधी, जो किसी भी चिकित्सा बोर्ड द्वारा विधिवत प्रमाणित हो

  • जिन्होंने अपनी सजा की दो तिहाई अवधि पूरी कर ली हो

  • निर्धन और अकिंचन बंदी, जिन्होंने अपनी कारवास की अवधि पूरी कर ली है, किन्तु आरोपित जुर्माने की राशि के भुगतान में असमर्थ हो

  • ऐसे युवा अपराधी, जिन्होंने 18-21 वर्ष की आयु में अपराध किया था और फिर कोई अपराध नहीं किया है. जिन्होंने अपनी कुल सजा की 50 प्रतिशित अवधि पूरी कर ली हो

अयोग्य बंदियों के लिए अर्हता

  • मृत्युदंड की सजा के साथ दोषी ठहराये गये सिद्धदोषी अथवा जहां मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है या किसी ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराये गये व्यक्तियों जिसके लिए मृत्युदंड की सजा भी विनिर्दिष्ट है

  • आजीवन कारावास की सजा के साथ दोषी ठहराये गये सिद्धदोष व्यक्ति

  • आतंकी कार्यों में संलिप्त सिद्धदोष अपराधी, आतंकवादी, टाडा, पोटा, यूएपीए के सिद्धदोष

  • दहेज हत्या के लिए सिद्धदोष बंदियों के मामले

  • जाली मुद्रा नोट के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत मामलोें में सिद्धदोष बंदी

  • बलात्कार, मानव तस्करी, यौन अपराध, बालकों की सुरक्षा, धन शोधन, फेमा, एनडीपीएस के सिद्धदोष

  • व्यापक नरसंहार के हथियार और इनकी आपूर्ति प्रणाली के तहत सिद्धदोष बंदियों के मामले

  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सिद्धदोष के मामले

  • राज्य के विरुद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराये गये बंदियों के मामले

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