Bihar News: नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के दौरान एक अफसर के बेटे की मौत! न्यायिक जांच कराने की मांग
Bihar News: मृतक आयुष के पिता का आरोप है कि घटना वाले दिन आयुष की तबियत खराब रहने के कारण अपने बेड पर लेटा रहा. लेकिन किसी मेडिकल स्टाफ या डॉक्टर की सुविधा न रहने के कारण उसपर नोटिस नहीं लिया गया.
पटना. बिहार की राजधानी पटना स्थित फतुहा निवासी बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्षीय बड़े पुत्र आयुष की असामयिक मौत कुछ दिन पहले हो गई थी. मृतक आयुष को नशे की लत को छुड़ाने के लिए मानस हॉस्पिटल नाम का नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था. यह नशामुक्ति केंद्र रोड नंबर-3 मौर्य बिहार, फुलवारीशरीफ में स्थित है. इसका संचालन डा. संतोष कुमार एनएमसीएच में पदस्थापित सरकारी डॉक्टर करते हैं.
मृतक आयुष के पिता का आरोप
मृतक आयुष के पिता का आरोप है कि हॉस्पिटल में बच्चे को वहां के स्टाफ के द्वारा इलाज के नाम पर पीटा गया था. डा. संतोष कुमार ने नशामुक्ति के इलाज में लठैतों और डंडों का तरीका अपनाते हुए पूरे केंद्र को अप्रशिक्षित और असंवेदनशील स्टाफों के भरोसे छोड़ रखा था. जब आयुष के पिता ने मारपीट की बात उठाया तो रंजिश में आयुष को यातना दिया गया और तबियत बिगड़ने पर समुचित इलाज के अभाव में संदिग्ध परिस्थितियों में पटना एम्स में उसकी मौत हो गई. मृतक आयुष के पिता का आरोप है कि घटना वाले दिन आयुष की तबियत खराब रहने के कारण अपने बेड पर लेटा रहा. लेकिन किसी मेडिकल स्टाफ या डॉक्टर की सुविधा न रहने के कारण उसपर नोटिस नहीं लिया गया. स्टाफ इस दौरान टीवी पर मैच देख रहे थे. यह घोर लापरवाही है.
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न्यायिक जांच कराने की मांग
बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सूरज कुमार सिन्हा का कहना है कि पुनर्वास केंद्र में रह रहे आयुष की तबियत व गतिविधि को देखने के नाम पर केवल सीसीटीवी का हवाला दिया जा रहा. जबकि तबियत खराब होने पर उसे ऑक्सिजन एंबुलेंस और डॉक्टर की सुविधा नहीं मिल सका. इस पूरे घटनाक्रम को सुनियोजित तरीके से लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस को आयुष को पीटने का वीडियो फुटेज मिल चुका है. इसके बाद भी पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. मृतक आयुष के पिता ने नशा मुक्ति मानस हॉस्पिटल को सील करते हुए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है.