Bihar News: जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन कार्यक्रमों में ताबड़तोड़ हिस्सा ले रहे हैं. गुरुवार को आरा के नागरी प्रचारिणी सभागार में उनका स्वागत और अभिनंदन समारोह हुआ. समारोह में पहुंचे पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि 16 वर्षों बाद जेल से बाहर निकला, तो भाजपा के नेताओं के पेट में दर्द होने लगा.आनंद मोहन ने नवंबर में पटना में होने वाली रैली का भी जिक्र किया. भाजपा के ऊपर आरोप लगाए कि मुझे फिर से जेल भेजने की साजिश की जा रही है.
आनंद मोहन ने आरा में कहा कि भाजपा के जो लोग मेरे घर पर आकर मुझसे मिले और राज्य सरकार से मुझे रिहा करने की मांग की, उनलोगों ने मेरी रिहाई के बाद गोदी मीडिया को आगे लाया और मुझे अपमानित करने लगे. दिवंगत डीएम जी कृष्णय्या की पत्नी को आगे लाया और मेरी रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करवा दी. आनंद मोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरी रिहाई के लिए कानून बदला और अब देश का गृह मंत्री मुझे जेल भेजने के लिए संसद में कानून बना रहा है.
पूर्व सांसद ने कहा कि जेल में बिछावन छोड़ कर आये हैं. हम जेल से नहीं डरते. उन्होंने कहा कि आज भाजपा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है. हमारे महाराणा प्रताप, मिहिर भोज, पृथ्वीराज चौहान जैसे कई महापुरुषों के इतिहास बदलने की कोशिश हो रही है. हिंदुत्व के नाम पर देश को बांटने की कोशिश हो रही है. भगवान राम को भाजपा का कार्यकर्ता बना दिया गया है.आनंद मोहन ने कहा कि बिहार ने स्वतंत्रता संग्राम की अगुवाई की. एक बार फिर बिहार से माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की है और देश को खंडित करनेवालों को सत्ता से बेदखल करने की शुरुआत हुई है.
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आनंद मोहन ने कहा कि 23 नवंबर को हम पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करने जा रहे हैं. पूरे पटना को जनसैलाब से पाट देंगे. कहा कि आनंद मोहन वही है, जो आपके पुरखे अटल जी व आडवाणी जी के साथ बैठते थे. उन्होंने कहा कि जहां आनंद मोहन बैठते थे वहां आज के भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को पीछे बैठने और पानी पिलाने की भी हैसियत नहीं थी. पूर्व सांसद ने कहा कि रैली में हेलीकॉप्टर से बिहार के हर प्रखंड तक जायेंगे. इसके पूर्व कुल्हड़िया टोल प्लाजा के निकट सैकड़ों बाइक और चारपहिया वाहनों के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट से उनका समर्थकों ने स्वागत किया. कार्यक्रम को शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने भी संबोधित किया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आनंद मोहन ने सियासत में अपनी आगे की रणनीति को लेकर फिलहाल कुछ तय नहीं किया है. आनंद मोहन आगे किस दल के साथ मैदान में उतरेंगे. या फिर पीपुल्स पार्टी को फिर से जिंदा करेंगे, इसका इंतजार सबको है. वहीं आनंद मोहन का कहना है कि जब इसके लिए सही वक्त आ जाएगा तो इसपर भी फैसला ले लिया जाएगा. उनका कहना है कि 23 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में होने वाली रैली के बाद इस तरफ भी कयासों का दौर खत्म हो जाएगा और सबकुछ तय कर लिया जाएगा.
आनंद मोहन ने साफ कहा कि उनकी पत्नी लवली आनंद राजद की नेत्री हैं और पिछली चुनाव में अच्छा वोट लेकर आयी थीं. इस बार भी वो चुनाव लड़ेंगी. पूर्व सांसद ने कहा कि पिछले चुनाव में कोरोना गाइडलाइन के बाद भी मुझे भागलपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. अकेले दम पर वो चुनाव लड़ीं और बेहतर प्रदर्शन किया था.
बता दें कि आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालिन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. हाल में ही बिहार सरकार ने कानून में बदलाव किया और इसका लाभ आनंद मोहन को भी मिला और वो बाहर आए. रिहा होने के बाद से आनंद मोहन भाजपा पर लगातार आक्रमण कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर दिवंगत डीएम का परिवार अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में है और आनंद मोहन की रिहाई का विरोध कर रहा है.
इधर आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी सभी दलों ने तेज कर दी है. जदयू और राजद अब एकसाथ चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा इसबार जदयू से अलग है. बिहार में बदले समीकरण के बीच अब सबकी निगाहें आनंद मोहन की पटना रैली पर भी टिकी हुई है.