Anand Mohan Singh: आनंद मोहन की रिहाई से गरमाई बिहार राजनीति, जानें सम्राट चौधरी समेत अन्य नेताओं ने क्या कहा
Anand Mohan Singh: बिहार के बाहुबली सांसद आनंद मोहन को भारी विरोध के बीच जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें गोपालगंज के तत्कालिन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी. हालांकि, राज्य सरकार के द्वारा कानून में संशोधन के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था.
बिहार के बाहुबली सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) को भारी विरोध के बीच जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें गोपालगंज के तत्कालिन डीएम जी कृष्णैया (G Krishnaiah Murder) की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी. हालांकि, राज्य सरकार के द्वारा कानून में संशोधन के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था. अब इसे लेकर बिहार की राजनीति काफी गर्म हो गयी है. मामले में प्रतिक्रिया देते हुए बिहार में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार गैर संवैधानिक काम कर रही है. अपराधियों को पकड़ना और छोड़ना न्यायालय का काम है. जंगलराज का माहौल बनाने वालों को छोड़ा जा रहा.
शिवानंद यह बात लालू जी से पूछें : सम्राट
शिवानंद तिवारी के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि शिवानंद तिवारी को यह बात लालू प्रसाद से पूछनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जेल भिजवाने वाले शिवानंद तिवारी ही हैं. कोई दूसरा नहीं है. और, शिवानंद तिवारी तथा ललन सिंह आज लालू प्रसाद की गोद में खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी बताएं कि लालू प्रसाद को जेल भिजवाने के मामले में उन्होंने कब पश्चाताप किया, पिंडदान और कब गंगा स्नान किया.
जब मालूम था कि मुजफ्फरपुर में तनाव था तब उधर से किसके कहने पर निकले जी कृष्णैया : शिवानंद
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने जी कृष्णैया हत्याकांड पर पूर्व सांसद आनंद मोहन का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि मुजफ्फरपुर में मीटिंग इसलिए नहीं की गयी कि वहां तनाव है. स्थिति खराब थी. सबको मालूम था कि छोटन शुक्ला की लाश लेकर लोग सड़क जाम किये हुए हैं. उन्होंने कहा कि जी कृष्णैया ने हाजीपुर से गोपालगंज जाने के लिए मुजफ्फरपुर का रूट क्यों चुना. वे किसके कहने पर उधर से गये. हाजीपुर से छपरा हाेकर भी गोपालगंज जा सकते थे. शिवानंद ने कहा कि भीड़ में वो घिर गये. भीड़ ने देखा कि गाड़ी पर पीली बत्ती लगी है, गार्ड बैठा हुआ है. भीड़ उत्तेजित थी. वहां के लोगों को गलतफहमी हुई कि गाड़ी पर मुजफ्फरपुर के कलेक्टर बैठे हैं. भीड़ ने जब जी कृष्णैया की गाड़ी को घेरा तो उनके सुुरक्षा गार्ड ने रिवाल्वर निकाल लिया, इससे भीड़ और हमलावर हो गयी और हत्या हो गयी. शिवानंद ने कहा कि वहां आनंद मोहन ने भी भाषण किया था, लेकिन आनंद मोहन ने हत्या की, एक व्यक्ति भी यह कहने वाला नहीं मिला.
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सुशील मोदी का बयान हास्यप्रद है : श्रवण
जदयू के वरिष्ठ नेता और सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई में कानून का पालन पूरी तरह किया गया है. इस ममले में भाजपा सांसद सुशील मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा अब कहां जा रही है. उसकी जमीन खिसक रही है. भाजपा को कानून पर भरोसा नहीं है.