बिहार के बाहुबली नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) गुरुवार को जेल से रिहा हो गए. उनकी रिहाई सुबह तीन बजे हो गयी. बुधवार को अपने बेटे चेतन आनंद की सगाई में शामिल होने और पेरौल की अवधि खत्म होने के बाद शाम 4.30 बजे उन्होंने जेल में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद उनके स्थायी रिहाई की कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. इसके बाद आनंद मोहन को सुबह करीब 4.30 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया. इसके बाद वो अपने गांव की तरफ निकल गए. बताया जा रहा है कि आनंद मोहन के साथ आज तीन अन्य कैदियों को भी अलग-अलग जेलों से छोड़ा गया है.
जेल से निकलते ही, आनंद मोहन के स्वागत में बारी जश्न की तैयारी की गयी है. बताया जा रहा है कि एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया जाना है. इसके लिए 500 गाड़ियों के काफिले को तैयार किया गया है. हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद इनके जश्न के कार्यक्रम की असली रुप रेखा तैयार की जाएगी. बता दें कि उनकी रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायक की जा चूकी है. वहीं, मृतक डीएम की पत्नी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं. इसमें आईएएस एसोशिसन उनकी मदद करने वाला है.
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पूर्व सांसद आनंद मोहन का परिवार अब गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की विधवा और उनकी बेटी से मिलना चाहता है. इसके लिए आनंद मोहन का परिवार हैदराबाद में रह रही जी कृष्णैया की पत्नी टी उमा देवी और बेटी जी पद्मा से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक आनंद मोहन की बेटी सुरभि जी कृष्णैया के परिजनों से मिलेंगी. आनंद मोहन के बेटे विधायक चेतन आनंद ने बुधवार को कहा कि यदि टी उमा देवी राजी हुईं, तो हमलोग उनसे मिलना चाहेंगे. उन्हें बतायेंगे कि आनंद मोहन को भले ही जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में सजा हुई हो , लेकिन वह इसमें दोषी नहीं हैं. एक दिन पहले आनंद मोहन ने सहरसा जेल के लिए रवाना होने के पहले पटना में अपने आवास पर कहा था कि इस पूरे मामले में लवली आनंद और टी उमा देवी का परिवार ने ही दुख झेला है.